
जाली दस्तावेजों से नौकरी पाने वाला चालक सेवा से बर्खास्त, पत्रिका फोटो
Rajasthan News: राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में एक शख्स ने आठवीं कक्षा की कूटरचित मार्कशीट, ट्रांसफर सर्टिफिकेट तैयार कर चालक पद की नौकरी हासिल कर ली। चालक पद पर पिछले 30 साल से कार्यरत भी रहा और कर्मचारी संगठनों में दखल होने के चलते अन्य कार्मिकों पर रौब भी जमाता रहा। जब चालक की शिकायतें उच्च स्तर पर पहुंची तो आरोपी ने जांच प्रभावित करने का प्रयास किया और कोर्ट से स्टे भी ले आया लेकिन अंत में अब रोडवेज प्रशासन ने उसे नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
राजस्थान रोडवेज से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी सतवीर सिंह पुत्र रामूराम को रोडवेज ने 28 अक्टूबर 1996 को चालक पद पर नियमित नियुक्ति दी थी। ड्यूटी ज्वॉइनिंग पर आरोपी ने अपने शैक्षणिक दस्तावेजों में झुंझुनूं के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सौंथली से आठवीं कक्षा की मार्कशीट और ट्रांसफर सर्टिफिकेट पेश किए। वर्ष 2023 में आरोपी के शैक्षणिक दस्तावेजों की गड़बड़ी की शिकायत रोडवेज प्रशासन को मिली। जिस पर विभागीय जांच कार्रवाई हेतु मुख्य प्रबंधक जयपुर आगार के आदेश पर सेवानिवृत आरएएस अधिकारी हनुमान सिंह गुर्जर को जांच अधिकारी बनाया। जांच में आठवीं कक्षा की मार्कशीट और ट्रांसफर सर्टिफिकेट कूटरचित पाए गए। हालांकि इसके बाद आरोपी ने रोडवेज प्रशासन की संभावित कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए कोर्ट से स्टे ले लिया।
राजस्थान हाईकोर्ट में आरोपी चालक सतवीर सिंह की याचिका पर बीते 20 सितंबर को सुनवाई और कोर्ट ने पूर्व में जारी स्टे आदेश को खारिज कर दिया। जिसके बाद रोडवेज प्रशासन ने आरोपी को सुनवाई का मौका देते हुए नोटिस भेजा लेकिन आरोपी ने ना तो नोटिस लिया और ना ही व्यक्तिगत सुनवाई में पेश हुआ।
रोडवेज प्रशासन की ओर से कराई जांच में झुंझुनूं के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सौंथली से आठवीं कक्षा की मार्कशीट और ट्रांसफर सर्टिफिकेट का सत्यापन कराने पर वास्तविक रिकॉर्ड में सतवीर सिंह के नाम से किसी छात्र का रिकॉर्ड नहीं मिला। ट्रांसफर सर्टिफिकेट जिसका एसआर नंबर 1071 है में छात्र प्रभाती लाल शर्मा दर्ज है। ऐसे में उक्त एसआर नंबर पर आरोपी सतवीर सिंह के नाम का मिलान नहीं होने की रिपोर्ट रोडवेज प्रशासन को भेजी गई।
रोडवेज की विभागीय जांच में आरोप सिद्ध होने पर रोडवेज के कार्यकारी निदेशक प्रशासन एवं प्राधिकृत अनुशासनिक अधिकारी चांदमल वर्मा ने 29 सितंबर को जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी सतवीर सिंह को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम कर्मचारी एवं कार्यशाला कर्मचारी स्थाई आदेश 1965 की धारा 36— 8 के तहत निगम सेवा से तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। आरोपी की ओर से जाली दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति हासिल करने पर नियुक्ति, सेवा प्रारंभ से ही शून्य हो गई है।
Published on:
30 Sept 2025 03:21 pm
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