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VIDEO: केंद्र से लेकर राज्य में बीजेपी की सरकार, लेकिन राजस्थान में यहां पूरी तरह से बैन है RSS

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रदेश के कला एवं संस्कृति विभाग में प्रतिबंधित है

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जयपुर

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Pankaj Soni

Mar 12, 2018

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जयपुर।

दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सांस्कृतिक संगठन होने का दावा करने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रदेश के कला एवं संस्कृति विभाग में प्रतिबंधित है। वो भी तब जब केन्द्र से लेकर राज्य तक भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार है।

राजस्थान कला एवं संस्कृति विभाग में आएसएस पर प्रतिबंध लगा था 13 अगस्त 1986 को जारी हुए आदेश के बाद। तब से लेकर अब तक प्रदेश में भाजपा की कई बार सरकार बनी, लेकिन विभाग में आरएसएस पर लगा प्रतिबंध नहीं हटा।

ये लिखा है आदेश में
राजस्थान आर्ट एंड कल्चर ग्रांट इन एड रूल्स-1985 के तहत 13 अगस्त 1985 को जारी आदेश में अयोग्यता श्रेणी के पैरा 16 के सेक्शन बी में साफ तौर पर लिखा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और जमात-ए-इस्लामी संगठन की गतिविधियों से जुड़ी किसी संस्था या व्यक्ति को विभाग की ओर से कोई ग्रांट, मार्गदर्शन, रिवॉर्ड और योगदान सहित कोई भी मदद नहीं दी जाएगी।

आरएसएस-जमात-ए-इस्लामी एक श्रेणी में
इस आदेश में आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी को एक ही श्रेणी में रखा गया है। तत्कालीन राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक की गतिविधियों को जमात-ए-इस्लामी के जैसी मानते हुए संघ को प्रदेश के कला संस्कृति से जुड़े आयोजनों से दूर रखा। जबकि जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियां देश विरोधी मानी जाती रही हैं।

इनका कहना है

कला-संस्कृति विभाग में आरएसएस पर प्रतिबंध की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो भी ये बड़ी बात नहीं है।
कन्हैयालाल चतुर्वेदी, संघ विचारक

गांव में संघ की लगाएंगे शाखाएं
शहरों से निकल कर अब संघ गांवों की तरफ अपने कदम बढ़ाएगा। वहां ग्रामीण, मजदूर, किसान और युवाओं के साथ खेत-खलियान में चौपाल लगाकर राष्ट्रवाद का ककहरा पढ़ाएगा। साथ ही सरकारी प्राईमरी स्कूलों में जाकर बच्चों को देश के इतिहास और भूगोल के बारे में उन्हें बताएगा।

ग्रामीणों को पढ़ाएंगे पाठ
हाल ही में नागपुर में संघ ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन रखा था। जिसमें संध के पदाधिकारियों को काम सौंपा है। संघ के कार्यकर्ता गांवों-गांवों जाएंगे और लोगों को जोड़ेंगे। इसके लिए बकाएदा उन्हें ग्रामीणों का नाम लिखना होगा और पूरी सूची बनानी होगी। अक्टूबर में फिर से बैठक होगी और यह सूची वहां लेकर जानी होगी।

संघ अपनी विचारधारा से गांववालों को जोड़ेगा। उनके अंदर राष्ट्रवाद की भावना पैदा करेगा। साथ ही संघ किसानों, ग्रामीणों और गांव के बेरोजगार युवकों के लिए क्या कर रहा है उसके बारे में उन्हें जानकारी देगा।

गांवों में लगेंगी संघ की शाखाएं
संघ ने लोकसभा चुनाव से पहले गांवों में भाजपा की जमीन मजबूत करने के लिए जुट गया है। संघ के स्वमसेवक अब गांवों-गांव जाएंगे और अपनी शाखाएं लगाएंगे। संघ के पदाधिकारियों से कहा गया है कि सुबह और शाम को किसानों के साथ चौपाल लगाएं और उनकी समस्याएं जानें। निराकरण के साथ ही किसानों, मजदूरों और अन्य ग्रामीणों के अंदर राष्ट्रवाद की भावना पैदा करें।

संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि संघ का विस्तार पूरे देश में बए़ रहा है और हमारे स्वमसेवक पहले से गांवों में हैं, पर नियमित शाखाएं नही लगती। लेकिन अब गांव में स्वमसेवक होंगे और वहां भी शाखाएं लगेंगी।


बच्चों पढ़ाएंगे राष्ट्रवाद का पाठ
संघ गांवों में जाकर सरकारी और प्राईवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को राष्ट्रवाद का ककहरा सिखाएगा। बच्चों के अभिभावकों के नाम पता लेकर उनके घर स्वमसेवक जाएंगे और देश के विकास पर उनके साथ चर्चा करेंगे। स्वमसेवक स्कूल में अवकाश के बाद एक घंटे तक बच्चों के साथ संवाद करेंगे। देश के क्रांतिकारियों और इतिहास के बारे में उन्हें जानकारी देंगे।

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