
विदेश से आने वाले यात्री निजी होटल में होंगे क्वॉरेंटीन, ठहरने वालों को खुद करना होगा भुगतान
जयपुर।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रदेश में पहले ही पर्यटन व्यवसाय बेपटरी हो गया है। विदेशी पर्यटक तो अब भी राजस्थान नहीं आ रहे हैं। वहीं आस—पडौस के राज्यों के पयर्टक भी कोरोन से डरे हुए हैं। कोरोना की दो लहरों के बाद राजस्थान पर्यटन निगम के होटलों का घाटा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। अब पर्यटन निगम ने इसी महीने शुरू हुए पर्यटन सीजन में घाटे की भरपाई के लिए होटलों के किराए में 40 प्रतिशत की बढोतरी कर दी है। होटलों के किराए की बढी हुई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी। उधर किराया बढाने के प्रबंधन के निर्णय के खिलाफ आरटीडीसी लामबंद हो रह हैं। उनका कहना है कि होटलों में पहले ही मेहमानों का टोटा है और इस बढे हुए किराए में मेहमान कैसे आएंगे। जबकि निजी होटल नए सीजन में किराए में कई तरह की छूट दे रहे हैं।
जयुपर में इस तरह हुई किराए में बढोतरी
होटल - पहले - 1 अक्टूबर से
तीज 1300- 1800
गणगौर— 1750- 2500
स्वागत 1200 - 1700
घूमर—जोधपुर 2800- 4000
माउंटआबू 2400- 3400
ठिठके मेहमानों के कदम
नया पर्यटक सीजन शुरू हो गया है। कोरोना की पहली लहर के बाद सभी गतिविधियां शुरू हुई तो होटलों के किराए में 30 प्रतिशत की कमी की थी। लेकिन उसका ज्यादा फायदा नजर नहीं आया। अब किराए में 40 प्रतिशत तक की बढोतरी कर दी गई है। ऐसे में अब बढे हुए किराए को देख मेहमानों के कदम ठिठकने लगे हैं। अक्टूबर में सबसे ज्यादा मेहमान दुर्गापूजा के बाद पश्चिमी बंगाल से आते हैं। लेकिन किराया बढने से अब वे भी निजी होटलों का रूख कर रहे हैं।
किराए के हिसाब से सुविधाएं भी नहीं
आरटीडीसी प्रबंधन ने होटलों का किराया तो बढा दिया है। लेकिन सुविधाओं के हिसाब से होटल काफी पीछे हैं। स्टॉफ की कमी से सर्विस बेहद कमजोर है। वर्षों से होटलों व कमरों की साज सज्जा पर बजट न के बराबर खर्च किया गया है। जबकि कई होटलों की हालत तो मेंटिनेंस के अभाव में जर्जर हो चुकी है।
Published on:
17 Sept 2021 08:32 am
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