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RTE : नियमों में उलझे 1.68 लाख बच्चे, एडमिशन हुआ नहीं, आवेदन से भी वंचित

प्रताप नगर निवासी राकेश तिवाड़ी के बेटे का चयन नर्सरी कक्षा में बीते सत्र 2022-23 में आरटीई (RTE Act) के तहत हो गया। लेकिन सरकार और स्कूल विवाद के बीच स्कूल ने प्रवेश नहीं दिया। अब सरकार ने नए सत्र 2023-24 के लिए आरटीई प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है। तिवाड़ी ने आवेदन किया, लेकिन पोर्टल पर बताया जा रहा है कि उनके बेटे का प्रवेश आरटीई में हो चुका है।

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RTE Act

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जयपुर. प्रताप नगर निवासी राकेश तिवाड़ी के बेटे का चयन नर्सरी कक्षा में बीते सत्र 2022-23 में आरटीई (RTE Act) के तहत हो गया। लेकिन सरकार और स्कूल विवाद के बीच स्कूल ने प्रवेश नहीं दिया। अब सरकार ने नए सत्र 2023-24 के लिए आरटीई प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है। तिवाड़ी ने आवेदन किया, लेकिन पोर्टल पर बताया जा रहा है कि उनके बेटे का प्रवेश आरटीई में हो चुका है।

यह मामला सिर्फ एक बच्चे का नहीं, बल्कि राज्य के 1.68 लाख बच्चों के अभिभावक इस समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार ने आनन-फानन में मार्च में सत्र 2022-23 के लिए आरटीई प्रवेश की सूची तो जारी कर दी। लेकिन स्कूलों ने प्रवेश नहीं दिया। ऐसे में अब उन बच्चों का नए सत्र में आवेदन स्वीकार नहीं किया जा रहा है। शिक्षा विभाग इस मामले में पल्ला झाड़ रहा है। शिक्षा संकुल में बुधवार को पीडि़त अभिभावकों ने प्रदर्शन किया।

विवाद की जड़
सरकार ने बीते सत्र अंत में प्री-प्रामइरी कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की। 1.68 लाख बच्चों का प्रवेश भी हो गया। लेकिन सरकार ने स्कूलों को पुनर्भरण राशि का भुगतान देने के लिए मना कर दिया। इस पर स्कूलों ने बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। ऐसे में बच्चे स्कूल और शिक्षा विभाग के विवाद में फंस कर रह गए।

इस मामले में अभिभावकों की शिकायत आएगी तो दिखवाया जाएगा। स्कूल प्रवेश से नहीं रोक सकते। गौरव अग्रवाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा