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रेजिडेंट की आत्महत्या पर बवाल: जयपुर में परिजनों ने शव लेने से किया मना, जोधपुर में जार्ड ने दी स्ट्राइक की चेतावनी

जोधपुर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्ट्राइक की चेतावनी दी है। जार्ड ने कहा कि अगर दोषियों को सज़ा नहीं मिली, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले सकता है।

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जोधपुर में मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट राकेश विश्नोई की आत्महत्या के बाद बवाल जारी है। मरने से पहले डॉ राकेश ने सीनियर डॉक्टर पर प्रताड़ना के आरोप लगाए। इसके बाद अब परिजनों ने जयपुर में एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है। मृतक के बड़े भाई सुभाष विश्नोई ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में राकेश ने बयान दिया था। इसके बाद भी आरोपी डॉक्टर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में जब तक आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। तब तक शव को नहीं लिया जाएगा।

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रेजिडेंट्स ने दी स्ट्राइक की चेतावनी…

जोधपुर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्ट्राइक की चेतावनी दी है। जार्ड ने कहा कि अगर दोषियों को सज़ा नहीं मिली, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले सकता है। मेडिकल समुदाय में यह पहला मौका नहीं है जब थीसिस और सीनियर डॉक्टरों की प्रताड़ना को लेकर रेजिडेंट्स ने आवाज उठाई हो, लेकिन इस बार यह मामला रेजिडेंट की जान लेने तक पहुंच गया है।

जार्ड ने 17 जून तक का अल्टीमेटम दिया है। जार्ड ने चेतावनी दी है कि यदि 17 जून तक आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 18 जून से सुबह 8 बजे से सभी रेजिडेंट डॉक्टर कंप्लीट स्ट्राइक पर चले जाएंगे। इस हड़ताल के दौरान ओपीडी, ओटी, आईसीयू, इमरजेंसी सहित सभी चिकित्सकीय सेवाएं पूरी तरह बाधित रहेंगी।

प्रिंसीपल ने कहा, मानसिक बीमार था, जांच जारी..

इस पूरे मामले में अब तक आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जोधपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से सिर्फ जांच के लिए कहा गया हैं। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. बीएस सोधा ने कहा कि डॉक्टर राकेश मानसिक रूप से बीमार थे और लंबे समय से दवा ले रहे थे। मामला संवेदनशील है और जांच के बाद कार्रवाई होगी।

यह था मामला..

डॉक्टर राकेश ने 13 जून को आत्महत्या की कोशिश की थी। गंभीर हालत में पहले उन्हें जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान 14 जून की रात को उन्होंने दम तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में खुद डॉ. राकेश ने आत्महत्या से पहले अपनी आपबीती साझा की। वीडियो में उन्होंने स्पष्ट कहा कि फार्माकोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. राजकुमार राठौड़ उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे और बार-बार उनकी थीसिस में आपत्तियां लगाकर परेशान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह बीते कई महीनों से मानसिक तनाव में थे। जिसकी वजह से ऐसा कदम उठाया।