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फिर हो सकती है मंडी बंद,चेक से भुगतान लेने को हम्माल राजी नहीं…

नोट बंदी का बड़ा असर यहां की कृषि उपज मंडी में पड़ रहा है। पहले नोट बंदी की घोषणा के बाद व्यापारियों द्वारा मांग के अनुरूप बैंकों से नोट ना मिलने पर एक पखवाड़े के लिए मंडी बंद कर दी थी।

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नोट बंदी का बड़ा असर यहां की कृषि उपज मंडी में पड़ रहा है। पहले नोट बंदी की घोषणा के बाद व्यापारियों द्वारा मांग के अनुरूप बैंकों से नोट ना मिलने पर एक पखवाड़े के लिए मंडी बंद कर दी थी।

चेक से भुगतान देने की शर्त पर मंडी खुली तथा जिंसों की आवक अच्छी होने लगी तो अब मंडी हम्मालों के तेवर चढ़ गए एवं शुक्रवार को मंडी हम्मालों ने चेक से भुगतान नहीं लेकर नकद भुगतान की मांग करने पर फिर से कृषि उपज मंडी बंद होने के आसार बन गए हैं। मंडी में कार्यरत हम्मालों ने उन्हें हम्माली का नकद भुगतान नहीं करने पर 5 दिसम्बर से तुलाई कार्य ठप करने की चेतावनी दी है।

मजदूर हम्माल संघ के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम व कोषाध्यक्ष गुलाब चंद के अनुसार व्यापारियों द्वारा हम्मालों को उनकी मजदूरी का भुगतान चेक द्वारा दिए जाने से परेशानी आ रही है। शुक्रवार को ग्रेन मर्चेन्ट एसोसिएशन व मंडी सचिव को ज्ञापन देकर इन्होंने मजदूरी का नकद भुगतान ना करने पर 5 दिसम्बर से मंडी में मजदूरी का कार्य ठप करने की चेतावनी दी है।

ग्रेन मर्चेन्ट एसोषियेसन के अध्यक्ष रमेश दत्ता व महामंत्री हर्ष अग्रवाल के अनुसार मंडी हम्मालों ने नकद भुगतान के लिये ज्ञापन दिया है। शनिवार को व्यापारियों द्वारा हम्मालों से वार्ता की जाएगी। यदि तुलाई कार्य ठप किया तो फिर से मंडी बंद करने की घोषणा कर दी जाएगी।

जलवाड़ा. बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में भीड़ कम नहीं हो रही है। शुक्रवार को भी बैेंक खुलने से पूर्व ही नकदी लेने व जमा कराने वालो की भीड़ लग गई थी।

शाखा प्रबंधक हीरालाल कामलिया ने बताया कि ग्राहकों को आज चार-चार हजार रुपए का भुगतान कर दिया हैं। ग्राहकों ने भी चार हजार रुपए मिलने पर राहत महसूस की।

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