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तुगलकी फरमान ने फंसाई मास्टरों की जान, दिवाली की छुट्टियों में कैसे लाए बच्चों को

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जयपुरOct 30, 2018 / 07:53 pm

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तुगलकी फरमान ने फंसाई मास्टरों की जान, दिवाली की छुट्टियों में कैसे लाए बच्चों को

जया गुप्ता / जयपुर। प्रदेशभर के स्कूलों में दीपावली का अवकाश 29 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। अवकाश के बीच 31 अक्टूबर को फिर से शिक्षकों व बच्चों को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के लिए स्कूलों में आएंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के संंबंध पर राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं। जिसके बाद स्कूल शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में भी एकता दिवस मनाने के निर्देश दिए। खास बात यह है कि जब तक ये निर्देश स्कूलों तक पहुंचे, उससे पहले स्कूलों में दिवाली का अवकाश हो चुका था। अब बच्चों को एक बार फिर स्कूलों तक लाना शिक्षकों के लिए चुनौती भरा रहेगा। विभिन्न शिक्षक संघों के अनुसार संभवतया: यह पहली बार है जब दिवाली अवकाश के बीच में ही स्कूल खोले जाएंगे।

शिक्षक असमंजस में, क्या करें और क्या नहीं

उधर, राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रम होने से शिक्षकों के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल, शिक्षकों की इन दिनों चुनाव कार्यों में ड्यूटी लगी हुई है, वहां प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। जो चुनाव ड्यूटी में नहीं है, वे परीक्षा केंद्रों में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा करवा रहे हैं। इस बीच नए आदेश से शिक्षक पशोपेश में हैं कि कौनसा कार्य छोड़कर स्कूल जाएं। वहीं, शहर के अधिकांश स्कूलों में एकता दिवस दोपहर बाद मनाया जाएगा। ताकि शिक्षक परीक्षा कार्य के बाद कार्यक्रम में भाग ले सकें। उधर, शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी शहर के एक हिस्से में लगाई गई है और स्कूल दूसरी दिशा में हैं। पूरा दिन शहर का चक्कर लगाने में ही बीत जाएगा।

फोटो-वीडियो भी देने के निर्देश
विभाग के आला अधिकारियों ने न केवल एकता दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं, बल्कि इस कार्यक्रम के फोटो व वीडियो भी वाट्सएप के जरिए आला अफसरों को भेजने होंगे। ताकि कार्यक्रम किए जाने व शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कर सकें।

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