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Sardar Patel@150: यमुना प्रवाह यात्रा को CM भजनलाल ने दिखाई हरी झंडी, जानें क्या है इस ‘यूनिटी मार्च’ का मकसद?

Sardar Patel@150: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को ‘यमुना प्रवाह पदयात्रा’ को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर जयपुर से रवाना किया।

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यूनिटी मार्च में मौजूद सीएम भजनलाल शर्मा। फोटो: पत्रिका

Sardar Patel@150: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा देश के चार कोनों से शुरू की गई ‘सरदार@150 यूनिटी मार्च’ (Sardar@150 Unity March) के तहत बुधवार को जयपुर से ‘यमुना प्रवाह पदयात्रा’ को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अमर जवान ज्योति शहीद स्मारक से शुरू हुई इस यात्रा में राजस्थान सहित आठ राज्यों के यात्री शामिल हैं।

कार्यक्रम में सांसद मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ, बाल मुकुंदाचार्य, गोपाल शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ सहित कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने यात्रियों को संबोधित करते हुए सरदार पटेल के राष्ट्र एकीकरण में योगदान को याद किया और कहा कि ये यात्राएं देश में एकता और अखंडता का संदेश लेकर जा रही हैं।

चार नदियों के नाम पर चार पदयात्राएं

सरदार@150 यूनिटी मार्च के तहत देश की चार प्रमुख नदियों के नाम पर चार पदयात्राएं निकाली जा रही हैं। इनमें दो यात्राएं राजस्थान से होकर गुजर रही हैं। गंगा प्रवाह यात्रा को दो दिन पहले दिल्ली से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने रवाना किया था, जो अलवर, सवाईमाधोपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर होते हुए गुजरात के करमसद (सरदार पटेल के जन्मस्थान) पहुंचेगी।

यमुना प्रवाह यात्रा जयपुर से शुरू होकर अजमेर, पाली, जोधपुर और सिरोही जिलों से गुजरते हुए गुजरात पहुंचेगी। इस तरह दोनों यात्राएं मिलाकर राजस्थान के कुल दस जिलों को कवर करेंगी। यात्रा में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुने हुए यात्री शामिल हैं। हर जिले से दो-दो यात्रियों का चयन किया गया है, जिनमें युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को विशेष प्राथमिकता दी गई है।

राजस्थानी संस्कृति का भव्य प्रदर्शन

यात्रा का सबसे खास पहलू रहा राजस्थानी संस्कृति का भव्य प्रदर्शन। जहां-जहां यात्रा पहुंची, वहां स्थानीय परंपराओं से स्वागत हुआ। अलवर में यात्रियों का स्वागत भरतहरि नाट्य से किया गया। सवाईमाधोपुर में कन्हैया दंगल का आयोजन हुआ। कोटा में रिवर फ्रंट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। चित्तौड़गढ़ में यात्रियों को सांवरिया सेठ के दर्शन कराए जाएंगे, जबकि उदयपुर में प्रताप गौरव केंद्र में महाराणा प्रताप पर बनी डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी।

शाम को ब्रह्मा मंदिर के दर्शन

यमुना प्रवाह यात्रा के जयपुर से पुष्कर तक के पहले चरण में भी संस्कृति की छटा बिखरेगी। हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में छात्र संवाद और दोपहर का भोजन होगा। शाम को पुष्कर में विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर के दर्शन और सरोवर आरती का आयोजन रखा गया है। दूसरे दिन अजमेर में बाजार संपर्क अभियान और एमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्र संवाद होगा। जोधपुर पहुंचते ही यात्रियों के लिए पारंपरिक घूमर नृत्य और मेहरानगढ़ किले का भ्रमण कराया जाएगा।

चारों यात्राएं करमसद में एकत्रित होंगी

यात्रा के दौरान हर जिले में बाजार संपर्क अभियान, युवा संवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि सरदार पटेल के जीवन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को आमजन तक पहुंचाया जा सके। सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर निकली ये चारों यात्राएं अंततः गुजरात के करमसद में एकत्रित होंगी, जहां विशाल समारोह का आयोजन होगा। भाजपा का दावा है कि इन यात्राओं से देश में एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का संदेश मजबूत होगा।