भारत विभाजन की त्रासदी को झेलते हुए 70 वर्षों से हिन्दू समाज के लोगों के साथ पाकिस्तान में जो बुरा बर्ताव हो रहा है, यह पुस्तक उसी का चित्रण करती है। लेखक संजय शेरपुरिया ने वर्षों से इस विषय को लेकर शोध किया। वे दिल्ली में ऐसे पाकिस्तानी हिंदुओ की एक बस्ती भी बसा चुके हैं और लगातार उन लोगों की पीड़ा कम करने का प्रयास भी कर रहे हैं। पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए इन हिन्दू परिवारों के रहने , उनके आवास, भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए सजंय शेरपुरिया लगातार लगे हुए हैं। यह पुस्तक प्रमाणित करती है कि धर्म के आधार पर किए गए भारत के विभाजन का सारा नुकसान केवल हिंदुओं को ही भुगतना पड़ा।
समारोह में प्रथम जोत शहीद कंवर साहिब के जीवन चरित्र पर भी वक्ताओं ने प्रकाश डाला। सभी ने भारत विभाजन की त्रासदी झेलने वाले सिंधी समाज की वीरता, धैर्य और उनकी सकारात्मक ऊर्जा को रेखांकित किया। भारत के विकास में सिंधी समाज के योगदान और हिंदुत्व की रक्षा में इस समाज की सक्रियता पर भी सभी ने प्रकाश डाला।
इस मौके पर जगतगुरु शंकराचार्य ने प्रवचन में बताया कि हिंदू समाज के इन लोगों की आशाओं को अवश्य सकारीत किया जाएगा। समारोह में शंकराचार्य, ज्योतिर्मठ पीठाधीश्वर स्वामी वसुदेवाचार्य महाराज और श्रीनाथ पीठाधीश्वर स्वामी जितेंद्र नाथ महाराज के अलावा देश—विदेश की पंचायतों, अखाड़ों और पीठों के अनेक संत मनीषी ने भी हिस्सा लिया।