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एक स्कूल प्रोजेक्ट ने बदल दी ज़िंदगी, अब सालाना 16 करोड़ का रेवन्यू, ऐपल और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ कर रहे ये काम

Motivational Story: इस प्रोजेक्ट ने उनके अंदर के डिजाइन के हुनर को ऐसी रफ्तार दी कि अब वो ऐपल और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए फॉन्ट्स डिजाइन कर रहे हैं।

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राजस्थान के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हुए सत्य राजपुरोहित ने एक प्रोजेक्ट पर काम किया। वो प्रोजेक्ट अक्षरों की डिजाइनिंग से जुड़ा था। इस प्रोजेक्ट ने उनके अंदर के डिजाइन के हुनर को ऐसी रफ्तार दी कि अब वो ऐपल और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए फॉन्ट्स डिजाइन कर रहे हैं।

देश में भाषाओं की विविधता को देखते हुए उन्होंने अहमदाबाद में अपने स्टार्टअप ‘इंडियन टाइप फाउंड्री’ की शुरुआत की थी। इसका लक्ष्य हाई क्वालिटी फॉन्ट तैयार करना था। इनकी फर्म अब तक 450 फॉन्ट फैमिली विकसित कर चुकी है। वह कहते हैं, पहले मैं शौकिया ऐसा करता था, लेकिन बाद में वाहनों की रेडियम प्लेट ने मुझे आकर्षित किया। इसके बाद मैंने सोचा कि मैं ऐसी सेवा अपने दोस्तों और परिवारों को दूंगा। मैं देख सकूंगा कि कहां-कहां मेरे अक्षरों का प्रयोग हो रहा है। यह टाइपोग्राफी में मेरा शुरुआती कदम था।

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ऐसे शुरू हुआ था स्टार्टअप

वह कहते हैं, अहमदाबाद में स्टार्टअप की शुरुआत 2009 में हुई थी। शुरुआत में फेडरा फॉन्ट फैमिली के अक्षर डिजाइन किए थे। धीरे-धीरे कंपनी का दायरा बढ़ा। अब कंपनी का सालाना रेवेन्यू 16 करोड़ से ज्यादा है। एसबीआइ, महिंद्रा, डिज्नी कोटक, यूनिलीवर, अमेजन और कई बड़े ब्रांड इनके क्लाइंट हैं।