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SMS अस्पताल में दुर्लभ ऑपरेशन, पित्ताशय व आंत में फंसीं 30 पथरियां निकाली गईं, मरीज का चेहरा खुशी से खिला

SMS Hospital Doctors Wonders : सवाई मान सिंह अस्पताल के डाक्टरों ने कमाल कर दिया। पित्ताशय व आंत में फंसीं 30 पथरियां निकाली गईं। यह अत्यंत दुर्लभ ऑपरेशन था। इस आपरेशन के बाद मरीज का चेहरा खुशी से खिला। इस मामले को प्रकाशन के लिए अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भेजा जाएगा।

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Sawai Man Singh Hospital Very Rare Operation 30 stones stuck in Gall Bladder and intestine were removed Patient Face was Happy

सवाई मान सिंह अस्पताल में अत्यंत दुर्लभ ऑपरेशन

SMS Hospital Doctors Wonders : सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर के डाक्टरों ने कमाल कर दिया। सवाईमानसिंह अस्पताल में सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एक मरीज के पित्ताशय और आंत में फंसी 30 पथरियां निकालने में सफलता प्राप्त की है। सवाईमाधोपुर निवासी 36 वर्षीय महिला क़रीब दस वर्ष से पेट दर्द और खून की कमी से जूझ रही थी। उसने राजस्थान और गुजरात के कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन न तो उसकी बीमारी का पता चला और न ही उसका निदान हुआ। पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के साथ उसे बार-बार खून की कमी हो जाती थी, जिसके लिए उसे पिछले दस वर्ष में करीब 15 बार खून चढ़ाया जा चुका था।

आंत का करीब चार फिट हिस्सा आपरेट कर निकाला

21 अप्रेल को वह सवाईमानसिंह अस्पताल मे भर्ती हुई। यहां जांच में पता चला कि उसके पित्ताशय में कुछ पथरियां आंत में भी फंसी हुई थीं। जिसके कारण आंत में रुकावट थी। लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन के दौरान आंत का करीब चार फिट हिस्सा सूजन और रुकावट के कारण निकालना पड़ा। इसके बाद दोनों हिस्सों को जोड़ दिया गया।

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अभी तक के लिटरेचर में इतनी पथरियों का पाया जाना नहीं मिला

विभाग के डॉ.जीवन कांकरिया और उनकी टीम ने यह सफल ऑपरेशन किया। यह ऑपरेशन अत्यंत दुर्लभ था, क्योंकि इतनी पथरियां आमतौर पर पित्ताशय से आंत में नहीं जातीं। खून की कमी का यह कारण भी बेहद असामान्य था। डॉ.कांकरिया के अनुसार अभी तक के लिटरेचर में इतनी पथरियों का पाया जाना नहीं मिला है। इस मामले को प्रकाशन के लिए अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भेजा जाएगा।

स्टोन और ब्लड का हो रहा है विश्लेषण

ऑपरेशन में डॉ.जीवन कांकरिया की टीम के साथ एनेस्थीसिया के डॉ.सुनील चौहान का भी सहयोग रहा। इस आसाधारण मामले की जांच के लिए स्टोन और ब्लड का विश्लेषण भी किया जाएगा।

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