आंत का करीब चार फिट हिस्सा आपरेट कर निकाला
21 अप्रेल को वह सवाईमानसिंह अस्पताल मे भर्ती हुई। यहां जांच में पता चला कि उसके पित्ताशय में कुछ पथरियां आंत में भी फंसी हुई थीं। जिसके कारण आंत में रुकावट थी। लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन के दौरान आंत का करीब चार फिट हिस्सा सूजन और रुकावट के कारण निकालना पड़ा। इसके बाद दोनों हिस्सों को जोड़ दिया गया। यह भी पढ़ें – Rajasthan : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की पहल, कैंसर के सस्ते इलाज के लिए तैयार होगा रोडमैप अभी तक के लिटरेचर में इतनी पथरियों का पाया जाना नहीं मिला
विभाग के डॉ.जीवन कांकरिया और उनकी टीम ने यह सफल ऑपरेशन किया। यह ऑपरेशन अत्यंत दुर्लभ था, क्योंकि इतनी पथरियां आमतौर पर पित्ताशय से आंत में नहीं जातीं। खून की कमी का यह कारण भी बेहद असामान्य था। डॉ.कांकरिया के अनुसार अभी तक के लिटरेचर में इतनी पथरियों का पाया जाना नहीं मिला है। इस मामले को प्रकाशन के लिए अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भेजा जाएगा।
स्टोन और ब्लड का हो रहा है विश्लेषण
ऑपरेशन में डॉ.जीवन कांकरिया की टीम के साथ एनेस्थीसिया के डॉ.सुनील चौहान का भी सहयोग रहा। इस आसाधारण मामले की जांच के लिए स्टोन और ब्लड का विश्लेषण भी किया जाएगा।