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एमडी, सीपीएम के घरों की तलाशी, तीन बैंक लॉकर के मिले दस्तावेज

एसीबी ने गिरफ्तार आरएसआरडीसी में धौलपुर के अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर सियाराम चन्द्रावत, भरतपुर के अधिशासी अभियंता एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर लक्ष्मण सिंह व प्रबंध निदेशक के सलाकार महेश चंद गुप्ता को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 6 जून तक एसीबी की रिमांड पर सौंपा है।

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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (आरएसआरडीसी) प्रबंध निदेशक सुधीर माथुर के जवाहर सर्कल और चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर आर.के लूथरा के श्याम नगर स्थित आवास पर सोमवार देर रात तक सर्च की। डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि दोनों के घर पर सर्च में कोई खास सम्पत्ति नहीं मिली। आरोपी लूथरा का आलीशान बंगला जरूर है और बंगले की सर्च में महिलाओं के नाम से तीन बैंक लॉकर होने के दस्तावेज मिले। एसीबी ने मंगलवार को आरोपी लूथरा के घर से महिलाओं को बैंक चलकर लॉकर खोलने को कहा, लेकिन उन्होंने तबीयत खराब होने की कहकर इनकार कर दिया। डीजी मेहरड़ा ने कहा कि संबंधित बैंक प्रशासन को एसीबी टीम के पीछे से लॉकर नहीं खोलने को पाबंद किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मामले के खुलासे के बाद से ही आरोपी लूथरा अपना मोबाइल बंद कर कहीं चला गया। टीम लगातार उससे संपर्क करने का प्रयास कर रही है।

रिटायर्ड एएओ फोन पर धमकाता…

डीजी मेहरड़ा ने बताया कि आरएसआरडीसी अधिकारियों व कर्मचारियों की एक माह से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। लेकिन बड़े स्तर पर कार्रवाई करने के लिए टीम इंतजार कर रही थी। गिरफ्तार सेवानिवृत्त (संविदाकर्मी) सहायक लेखाधिकारी व प्रबंध निदेशक के सलाहकार महेश चंद गुप्ता का फोन सर्विलांस पर था। वह प्रोजेक्ट डायरेक्टरों को बेखौफ होकर सीधे बोलता था कि धन कब जयपुर लेकर आ रहे हो…डिलीवरी कब कर रहे हो। खुलेआम पैसे वसूल रहा था। वह आश्वत था कि रिटायर्ड होने के बाद एसीबी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी और इसके कारण ही उसने घर पर ही रकम रख रखी थी।

घूस के लिए नियमों में पोल… करेंगे जांच

डीजी मेहरड़ा ने बताया कि आरएसआरडीसी में ठेकेदारों को सड़क, भवन व टोल नाकों के अलावा अन्य कामों के टेंडर में किन नियमों के तहत ढिलाई दी जाती थी इसकी भी जांच करेंगे। साथ ही रिपोर्ट सरकार को भेजेंगे ताकि भविष्य में घूसखोरी पर लगाम लगाई जा सके। विभाग में कौन सी फाइलों में गड़बड़ी कर घूस ली जाती थी, इसकी भी जांच करेंगे।