
जयपुर। निशक्तजनों को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किए जाने के लिए भारत सरकार ने नई अधिसूचना जारी की है। इसके हिसाब से अब विकलांगता को 8 अलग अलग बीमारियों में विभाजित कर दिया गया है।
भारत सरकार की अधिसूचना के बाद एसएमएस अस्प्ताल में होगी नई व्यवस्था
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ.यू.एस.अग्रवाल के निर्देश पर बुधवार को कॉलेज में इसकी व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त प्राचार्य डॉ.दीपक माथुर की अध्यक्षता में बैठक हुई। डॉ.माथुर ने बताया कि विकलांगता को अब बीमारी के हिसाब से परिभाषित किया गया है। इनमे हाथ पैरों की विकलांगता, मानसिक विकलांगता, नेत्र विकलांगता, कान विकलांगता, न्यूरोलोजिकल विकलांगता, मल्टीपल विकलांगता आदि शमिल है।
उन्होंने बताया कि एसएमएस में नई व्यवस्था व परिभाषा के अनुसार हर तरह की विकलांगता के लिए अलग दिन और निश्चित समय निर्धारित किया जा रहा है। इन पूरी व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी डॉ.मृणाल जोशी और अतिरिक्त नोडल अधिकारी डॉ.सतीश वर्मा को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही नई व्यवस्था अस्पताल में लागू कर दी जाएगी।
- एसएमएस में दुर्लभ बीमारी की पहचान
सवाई मानसिंह अस्प्ताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने दुर्लभ बीमारी एल्सट्रोम सिंड्रोम की पहचान की है। दुनिया भर में इस बीमारी के अभी तक 800 मामले दर्ज हैं।
करीब डेढ़ साल पहले एक 13 वर्षीय बालक में इसकी पहचान की गई। जिसमे आनुवंशिक बीमारी थी। जिसके कारण उसे डायबिटीज, दिखने में समस्या, सुनने में समस्या, लिवर, गुर्दा और हृदय पर असर की आशंका रहती है। यह बालक अस्पताल में चिकित्सकों के पास अनियंत्रित शुगर की समस्या लेकर आया था। दुर्लभ बीमारी की पहचान के बाद इसे इंटरनेशनल जर्नल फॉर मेडिकल साइंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है। अभी मरीज का इंसुलिन और दवा का उपचार चल रहा है।
डॉ.सी.एल.नवल के निर्देशन में डॉ.स्वपनिल जैन, डॉ.अक्षय शेखावत, डॉ.सेबेस्टियन, डॉ.सागर, डॉ.अमनदीप, डॉ.राधेश्याम तेजारा की टीम बालक का उपचार कर रही है।
Published on:
22 Feb 2018 01:42 pm
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