
जयपुर।
शहर में वैशालीनगर के गांधीपथ स्थित रिद्धिराज अपार्टमेंट की नौवीं मंजिल पर एक फ्लैट में लूट के प्रयास का मामला सामने आया है। वहां व्यापारी ओमप्रकाश खंडेलवाल की पत्नी 68 वर्षीय चंदा पर नौकर ने ही जानलेवा हमला कर लूट का प्रयास किया। अलमारियों की चाबी का पता करने के लिए रसोई में रखी कैंची और चाकू से वृद्धा का अंगूठा काट दिया। गला तार से बांधा, दोनों हाथ पीछे कर साड़ी से बांध दिए। मुंह में कपड़ा ठूंसकर कुकर से सिर लहूलुहान कर दिया। अलमारियों को तोडऩे का प्रयास किया, लेकिन पकड़े जाने के डर से भाग निकला। फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है कि आरोपी नौकर घर से क्या सामान ले गया।
परिजनों ने बताया कि ओमप्रकाश कलर प्रिंटिंग और उनका बड़ा बेटा योगश होटलों में फूड सप्लाइ का काम करता है। छोटा बेटा दुबई में रहता है। हर माह की तरह ओमप्रकाश, योगश, बेटे की पत्नी राशि, पोता बृजेश व उत्कृष्ट गुरुवार दोपहर श्रीनाथजी के दर्शन करने नाथद्वारा गए थे। बीमार होने के कारण चंदा घर पर ही थी।
आरोपी नौकर नेपाल निवासी सुभाष को ओमप्रकाश ने 4 माह पहले ही घर पर देखभाल के लिए रखा था। उन्होंने नौकर का पुलिस सत्यापन नहीं कराया था। शुक्रवार को नाथद्वारा से लौटते समय ओमप्रकाश की पत्नी चंदा से बात हुई। दो बजे उन्होंने फिर फोन लगाया लेकिन रिसीव नहीं हुआ। तीन बजे तक भी फोन रिसीव नहीं हुआ तो ओमप्रकाश ने पास के फ्लैट में रहने वाली सीमा पोरवाल और राशि ने तीसरी मंजिल पर रहने वाले अजय गुप्ता की पत्नी को फोन किया। अजय अपने बेटे के साथ लिफ्ट से नौवीं मंजिल पर पहुंचे। दोनों पड़ोसियों ने घंटी बजाई लेकिन अंदर से कोई जबाव नहीं आया। फिर धक्का मारा तो गेट खुल गया। अंदर घुसते ही किचन के पास से फर्श पर खून फैला था। घसीटने से बने खून के निशान थे। कमरे में बाथरूम तक पहुंचे तो चंदा लहूलुहान पड़ी थीं।
मुंह से निकला राम... फिर नौकर का नाम
अजय के बेटे कृत गुप्ता ने बताया, मैं भी पिता के साथ अंदर गया था। वहां दादी (चंदा) के मुंह से कपड़ा हटाया तो राम-राम-राम ही बोल रही थीं। उधर, अजय ने ही अन्य लोगों की मदद से चंदा को निजी अस्पताल पहुंचाया। वहां चंदा की हालत गंभीर बताई है। पड़ोसियों ने बताया,अस्पताल में घटना के बारे में पूछा तो चंदा के मुंह से सुभाष का नाम निकला।
आठ मिनट का अंतर रह गया, पकड़ा जाता
अजय गुप्ता के कार चालक रामधन यादव ने बताया कि करीब 3 बजे नौकर सुभाष फ्लैट से नीचे आया। वह लाल टीशर्ट और बरमूड़ा पहने हुए था। हाथ खाली थे। वह अकेले फ्लैट से बाहर निकला। इसके 8 मिनट बाद ही ओमप्रकाश और राशि ने फोन कर चंदा के पास पड़ोसियों को भेजा। फोन 8 मिनट पहले आ जाता तो सुभाष रंगेहाथ पकड़ा जा सकता था।
रिश्तेदार के जरिए आया था नौकर सुभाष
परिजनों ने बताया कि बहू राशि की चचेरी बहन की होटल पर आरोपी सुभाष का भाई काम करता है। उनके जरिए सुभाष को काम पर रखा था। गत वर्ष ढाई माह काम करने के बाद सुभाष दीपावली पर घर गया था। 4 माह पहले ही लौटा था।
Published on:
20 Apr 2019 09:52 am
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