
जयपुर। राजधानी जयपुर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की रीढ़ कही जाने वाली लो फ्लोर बसों के पहिए कभी भी थम सकते हैं। ये नौबत आई है जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) का खजाना खाली होने के कारण। जेसीटीएसएल ने विद्याधर नगर और सांगानेर डिपो की बसों का संचालन कर रही ठेकेदार फम्र्म को 4 महीने से भुगतान नहीं किया है। ठेकेदार फर्म ने जेसीटीएसएल को नोटिस देकर बिना भुगतान के बसों का संचालन करने में असमर्थता जता दी है। यदि 10 दिन में फर्म को भुगतान नहीं किया गया तो बसों का संचालन बंद हो सकता है।
जेसीटीएसएल के विद्याधर नगर की 168 लो फ्लोर बसों का संचालन गुजरात की मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट करती है। यहां पर लो फ्लोर का संचालन ग्रॉस कॉस्ट मॉडल पर हो रहा है। इस डिपो का प्रति माह करीबन 1.20 करोड़ रुपए का बिल बनता है। वहीं सांगानेर डिपो की 196 बसों का संचालन गुजरात की फर्म हरीश ट्रांसपोर्ट कर रही है। यहां पर नेट कॉस्ट मॉडल पर बसों का संचालन हो रहा है। इस डिपो का भी प्रति माह 1.20 करोड़ से 1.25 करोड़ रुपए बिल बनता है। विद्याधर नगर और सांगानेर डिपो की 364 बसों के संचालन पर प्रति माह करीबन ढाई करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
60 लाख देकर 10 दिन की मोहलत मांगी
ठेकेदार से बसें बंद करने का नोटिस मिलने के बाद हरकत में आए जेसीटीएसएल ने आनन-फानन में बसों की टिकट बिक्री से एकत्र हुए 60 लाख रुपए का भुगतान कर बकाया राशि के लिए 10 दिन की मोहलत मांगी है। अब जेसीटीएसएल ठेकेदार के बकाया बिलों का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार से गुहार लगा रहा है। वहीं ठेकेदार फर्म भुगतान नहीं होने पर कानूनी नोटिस देने की तैयारी में है। जेसीटीएसएल की खराब माली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 15 सितंबर 2017 तक देनदारी 15 करोड़ थी, लेकिन जेसीटीएसएल के खजाने में डेढ़ करोड़ रुपए ही हैं।
ये है जेसीटीएसएल की प्रतिमाह लागत
डीजल खर्च 1.50 करोड़
ड्राइवर-कंडरक्टर वेतन 1.50 करोड़
बस मेंटिनेंस 35 लाख
टायर, स्पेयर पार्टस 70 लाख
मातेश्वरी ट्रांसपोर्ट 1.20 करोड़
हरीश ट्रांसपोर्ट 1.25 करोड़
टिकटिंग टेक्नीक बिल 5 लाख
Published on:
18 Sept 2017 12:34 pm
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