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एसएलएफसी का गठन करें स्कूल

बिना फ़ीस एक्ट की पालना किए अभिभावकों पर फ़ीस दबाव बनाना बंद करें स्कूल - संयुक्त अभिभावक संघ

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जयपुर

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Rakhi Hajela

May 06, 2021



जयपुर, 6 मई
सुप्रीम कोर्ट के स्कूल फीस को लेकर दिए गए निर्णय के बाद पिछले सत्र की तरह 2021-22 के सत्र की फीस को लेकर भी खींचतान शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फीस एक्ट 2016 को सही मानते हुए उसके अनुसार 2019-20 की निर्धारित फीस में से 15 प्रतिशत छूट देते हुए सत्र 2020-21 की फीस 6 किश्तों में जमा करवाने के आदेश दिए हंै। अभिभावकों को तुरंत राहत के लिए संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रदेश के सभी निजी स्कूलों से मांग की है कि वह सत्र 2021-22 की फीस की मांग करने से पहले एक्ट में निर्धारित प्रक्रिया के तहत स्कूल स्तर पर पीटीए एवं एसएलएफसी का गठन कर वर्तमान सत्र में चलने वाली ऑनलाइन कक्षाओं की फीस का निर्धारण किया जाए।
संघ प्रदेश कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा ने कहा कि जब से फीस एक्ट लागू किया है किसी भी स्कूल ने इसे लागू नहीं किया है और 2017 में ही सुप्रीम कोर्ट में चले गए थे जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्णय पारित किया है।
संघ प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने बताया कि पिछले 8 महीनों से संघ राज्य सरकार से फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित करने की मांग कर रहा था लेकिन ना राज्य सरकार ने संज्ञान लिया ना शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया अगर समय रहते सभी जिम्मेदार लोग कार्य करते तो मामला कोर्ट तक जाता है नहीं और ना अभिभावकों को परेशान होना पड़ता।
क्या है फीस एक्ट 2016
संघ प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने बताया कि निवर्तमान सरकार ने प्रदेश की जनता को लुभाने के लिए फीस एक्ट 2016 को बनाकर 2017 में इसकी अधिसूचना जारी की थी। इसके अनुसार फीस निर्धारित करने से पहले सभी स्कूलों में सभी अभिभावकों को शामिल कर पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन करना होगा, उसके गठन के बाद स्कूल लेवल फीस कमेटी बनानी होगी जिसमें 5 अभिभावक, 5 टीचर और 1 प्रिंसिपल /मैनजमेंट शामिल होंगे। जिसके समक्ष स्कूल के सभी खर्चों को रखा जाएगा जिस पर कमेटी जांच पड़ताल कर स्कूल की फीस निर्धारित करेगी। जिसे तीन साल तक बदला नहीं किया जा सकेगा।

कमेटी निर्धारित करें ऑनलाइन फीस
प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण घातक साबित होता जा रहा है। ऐसे में अब फीस निर्धारित करने के लिए स्कूलों को सर्व प्रथम कमेटी गठित करनी होगी और उसके समक्ष सभी खर्चे रखकर फीस निर्धारित करवानी होगी। उसके बाद ही अभिभावक स्कूलों में फीस जमा करवाएंगे।