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खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर वापस लौटा, पैतृक गांव नहीं पहुंच सकी शहीद की पार्थिव देह

कुपवाड़ा के कांडी के साडू गंगा जंगल में आंतकियों से लोहा लेते हुए थे शहीद, अब पार्थिव देह को सडक मार्ग से किया रवाना

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jaipur

खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर वापस लौटा, पैतृक गांव नहीं पहुंच सकी शहीद की पार्थिव देह

जयपुर। खराब मौसम के कारण शहीद मुकुट बिहारी की पार्थिव देह को लेकर गया हेलिकॉप्टर को वापस जयपुर एयरपोर्ट लौटना पडा। इसके बाद पार्थिव देह को सडक मार्ग से रवाना किया गया। गौरतलब है कि बुधवार को कश्मीर में आंतकी मुठभेड़ में गोली लगने से झालावाड़ खानपुर तहसील के लड़ानिया गांव निवासी आर्मी कमांडो-3 पारा रेजिमेंट सिपाही मुकुट बिहारी मीणा गंभीर रूप से घायल हो गए। जहां से उन्हें दुर्गमाला में सेना के अस्पताल में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बारिश होने से पार्थिव शरीर दो दिन देरी से यहां पहुंचा। उधर झालावाड़ जिले के लड़ानिया गांव में शहीद के परिजन सहित ग्रामीण तीसरे दिन भी इंतजार करते रह गए।

मुख्यमंत्री ने किए श्रद्धासुमन अर्पित
उससे पहले शहीद की पार्थिव देह दोपहर में जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। एयरपोर्ट पर सेना ने शहीद को गार्ड आॅफ आॅनर दिया। इस दौरान श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एयरपोर्ट पहुंचकर पुष्पचक्र अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने शहीद की शहादत को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर देश और प्रदेशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा किया है। सेना के जवानों ने भी शहीद को सलामी दी।

सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान, सेना की दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मेथसन, जिला कलेक्टर जयपुर सिद्धार्थ महाजन, महापौर अशोक लाहोटी, सांसद रामचरण बोहरा, कई सेना के अधिकारी, पुलिस के आलाधिकारी और अन्य विशिष्टजनों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर को वापस जयपुर एयरपोर्ट लौटना पडा। इसके बाद पार्थिव देह को सडक मार्ग से रवाना किया गया।

बड़े भाई को कहा था रक्षाबंधन पर आऊंगा

शहीद मुकुट ने दो दिन पहले शाम को बड़े भाई शंभुदयाल को फोन करके कहा था कि वह रक्षाबंधन पर गांव आएंगे। परिवार में पत्नी, एक बेटी, एक भाई, तीन बहनें और पिता हैं। मुकुट दो महीने पहले ही परिवार में शादी में शामिल होकर अपनी तीन माह की बेटी आरू से मिलकर लौटे थे। गांव पहुंचने के बाद राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी।