18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जयपुर

स्कूलों का स्तर जांचने के लिए शाला सिद्धि कार्यक्रम और मूल्यांकन

सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ ही शिक्षक अपना मूल्यांकन खुद कर सकें इसके लिए शाला सिद्धि योजना को प्रदेश में लागू तो कर दिया लेकिन कई जिले योजना के तहत अपनी रिपोर्ट राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को नहीं भेज रहे।

Google source verification

जयपुर

image

Rakhi Hajela

Sep 22, 2022


जयपुर।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ ही शिक्षक अपना मूल्यांकन खुद कर सकें इसके लिए शाला सिद्धि योजना को प्रदेश में लागू तो कर दिया लेकिन कई जिले योजना के तहत अपनी रिपोर्ट राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को नहीं भेज रहे। नतीजा परिषद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान यानी नीपा को नहीं भेज पाई है। ऐसे में अब परिषद ने स्कूलों को निर्देश दिए है कि वह 30 सितंबर तक आवश्यक रूप से अपनी रिपोर्ट भेजे जिससे उन्हें नीपा को भेजा जा सके ।
इन जिलों से नहीं मिली रिपोर्ट
डूंगरपुर, बूंदी, सिरोही, नागौर, प्रतापगढ़, पाली, कोटा, बारां, हनुमानगढ़,उदयपुर, बाड़मेर, राजसमंद, भीलवाड़ा, जोधपुर, करौली, जैसलमेर, बांसवाड़ा, झुंझुनू, दौसा, भरतपुर और झालावाड़ जिलों के अधिकांश स्कूलों ने अब तक अपनी रिपोर्ट राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को नहीं भेजी।
गौरतलब है कि नीपा की ओ से विकसित किए गए राष्ट्रीय स्कूल मानक और मूल्यांकन कार्यक्रम शाला सिद्धिश् कार्यक्रम के तहत स्कूलों को शिक्षकों और बच्चों को पूरा ब्यौरा देना होता है। जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि किस बच्चे की पढ़ाई किस स्तर की ह, स्कूल में पढ़ाई का स्तर क्या है ? शिक्षक बच्चों को किस प्रकार से पढ़ाई करवा रहे हैं। विद्याथियों का नामांकन क्या है और स्कूल में शिक्षकों की संख्या कितनी है ? कितने पुरुष और कितनी महिला शिक्षक है ? शिक्षकों का प्रोफाइल भी इस कार्यक्रम के तहत तैयार किया जाएगा और सारी जानकारी शाला सिद्धि में संस्था प्रधानों को 30 सितंबर तक देनी होगी।
ग्रेड ए से ई तक की होगी श्रेणी
शाला सिद्धि में बच्चों के लिए ग्रेड ए से ई तक की कैटेगरी बनाई है। 81 से 100 फीसदी प्राप्तांक वाले ए ग्रेड, 61 से 80 प्राप्तांक वाले बी ग्रेड, 41 से 60 प्राप्तांक वाले सी ग्रेड, 33 से 40 प्राप्तांक वाले डी ग्रेड और 0 से 32 प्राप्तांक करने वाले बच्चों को ग्रेड ई में रखने का प्रावधान इसमें दिया गया है। क्लास टेस्ट के आधार पर विद्यार्थियों को इसमें ग्रेड दी जानी है। इसके अलावा खेल का मैदानए खेल सामग्री, कक्षा कक्ष,,विद्युत उपकरण, पुस्तकालय, शौचालय आदि का ब्यौरा भी देना होगा। शिक्षकों के सुझाव, उनका शैक्षणिक ब्यौरा इसमें दिया जाएगा। स्कूलों में महिला और पुरुष शिक्षकों की संख्या की जानकारी देनी होगी।
सेल्फ असेसमेंट का तरीका है शाला सिद्धि
गौरतलब है कि शाला सिद्धि के जरिए स्कूलों को सेल्फ असेसमेंट करने का अवसर दिया जाता है। जिसमें ना सिर्फ संस्था प्रधान बल्कि विभागीय अधिकारी भी स्कूलों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से शाला सिद्धि कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसके तहत चयनित सरकारी स्कूलों के साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए वार्षिक कार्य योजना बजट प्रस्तावित किया गया है। इसमें विद्यालय का मूल्यांकन दो स्तर से किया जा रहा है। प्रथम स्तर पर स्वमूल्यांकन है, जो विद्यालय के शिक्षकों को खुद करना है। दूसरा मूल्यांकन स्कूलों का है जो संस्था के रूप में किया जा गया है। जिसमें सभी गतिविधियों को शामिल करते हुए उनकी ग्रेडिंग की जानी है,जिस स्कूल का मूल्यांकन किया जाएगा उसको स्कूल के डैश बोर्ड पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।