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शंभू पुजारी मौत प्रकरण: सरकार से बनी सहमति, भाजपा का आंदोलन खत्म

राजस्थान के दौसा जिले के महवा क्षेत्र के शंभू पुजारी मौत मामले को लेकर जयपुर में किया जा रहा आंदोलन सरकार के साथ मांगों पर सहमति बनने के बाद समाप्त हो गया।

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जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले के महवा क्षेत्र के शंभू पुजारी मौत मामले को लेकर जयपुर में किया जा रहा आंदोलन सरकार के साथ मांगों पर सहमति बनने के बाद समाप्त हो गया। इस मामले की जांच संभागीय आयुक्त करेंगे। सरकार के साथ बातचीत में शामिल प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अरुण चतुर्वेदी ने सहमति के बाद मीडिया को बताया कि इस मामले में सरकार के साथ सहमति बन गई है और मंदिर माफी की जमीन के संरक्षण के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो अध्ययन कर अपनी अनुशंसा सरकार को देगी। इसके बाद सरकार इस पर कानून बनाएगी।

चतुर्वेदी ने बताया कि इस प्रकरण की जांच संभागीय आयुक्त करेंगे। निष्पक्ष जांच के लिए इस प्रकरण से जुड़े अधिकारी तहसील महवा, एडीएम एवं ईओ नगरपालिका को एपीओ किया जाएगा। संभागीय आयुक्त इस मामले की जांच 30 अप्रैल तक करेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले वर्ष 2003 में महवा में गंगा माता मंदिर के पुजारी की हत्या के मामले पर एफआर लग चुकी थी, इस मामले को दोबारा खोला जाएगा और इसकी भी निष्पक्ष जांच की जाएगी।

उन्होंने बताया कि टीकरी गांव में भूमाफिया के कब्जे में गई पुजारी की 2 बीघा जमीन को 145 सीआरपीसी के तहत कुर्क किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने यह जमीन स्थानीय ब्राह्मण परिवारों को देने का आग्रह किया है। जमीन पर बनी दुकानें जांच के दौरान सील रहेगी। लाठीचार्ज मामले में जगदीश सैनी की मौत मामले की भी जांच होगी। इस मामले को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि पुजारी के शव का सवाई मानसिंह अस्पताल में पोस्टमार्टम होने के बाद उनके गांव टिकरी में उनकी जमीन पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सरकार के साथ मांगों पर सहमति बनते ही उनका आंदोलन समाप्त हो गया। उल्लेखनीय है कि सप्ताह भर पहले शंभू पुजारी की जमीन पर कथित भू माफियाओं का कब्जा एवं पुजारी की मौत के मामले को लेकर मीना ने उनके शव को लेकर महवा थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया था और इस पर कोई बात नहीं बनने पर वह शव को लेकर जयपुर पहुंच गए और यहां उनके नेतृत्व में सिविल लाइन फाटक पर आंदोलन शुरू कर दिया गया था।