जयपुर। चैत्र कृष्ण अष्टमी पर 15 मार्च को लोकपर्व बास्योड़ा मनाया जाएगा। इस दिन शीतला माता की पूजा—अर्चना कर उन्हें ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाएगा, वहीं घर—घर ठंडे पकवान ही खाए जाएंगे। इससे एक दिन पहले सप्तमी पर 14 मार्च को घर—घर रांधा—पुआ के तहत पकवान बनाए जाएंगे। शीतला अष्टमी पर सर्वार्थसिद्धि योग के साथ सिद्धि योग में शीतला माता की पूजा—अर्चना की जाएगी।
चैत्र कृष्ण अष्टमी 14 मार्च को रात 8:22 बजे शुरू होगी, जो 15 मार्च शाम 6:45 बजे तक रहेगी। ऐसे में 15 मार्च को लोकपर्व बास्योड़ा मनाया जाएगा। इस दिन शीतला माता की पूजा-अर्चना करने के साथ महिलाएं व्रत भी रखेंगी। इसके एक दिन पहले 14 मार्च को रांधा पुआ होगा, जिसमें घर-घर महिलाएं शीतलाष्टमी (बास्योड़ा) के लिए भोजन पकवान बनाएगी। शीतलाष्टमी के दिन सुबह शीतला माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद घर—घर ठंडे पकवान ही खाए जाएंगे। बास्योड़ा पर शीलता माता को ठंडा भाेजन अर्पित कर चेचक आदि बीमारियों से परिवार को बचाने की प्रार्थना की जाएगी।
इस समय करें माता की पूजा
ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री ने बताया कि शीतला अष्टमी इस बार 15 मार्च को मनाई जाएगी। इससे एक दिन पहले रांधा पुआ का आयोजन होगा। शीतला अष्टमी पर सुबह 6.40 बजे से 9.40 बजे तक लाभ व अमृत के चौघडिया रहेगा, वहीं इस बीच सर्वार्थसिद्धि और सिद्धि योग भी रहेंगे। ऐसे में इस बीच शीतला माता की पूजा—अर्चना करना सुख—समृद्धिदायक होगा।
ऋतु परिवर्तन का समय
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि शीतला अष्टमी पर ठंडा खाना खाने की परंपरा है। यह समय शीत ऋतु के जाने का और ग्रीष्म ऋतु के आने का समय है। इस दौरान मौसमी बीमारियां होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। शीतला अष्टमी पर ठंडा खाना खाने से मौसमी बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। इस दिन महिलाएं शीतला माता की पूजा—अर्चना कर परिवार और बच्चों की सलामती व घर में सुख, शांति के लिए प्रार्थना करेंगी। माता को ठंडी कढ़ी-चावल, चने की दाल, हलवा, बिना नमक की पूड़ी, पुए चढ़ाएंगी।
चैत्र माह शुरू, कई पर्व
चैत्र माह शुरू हो चुका है। इस माह में शीतला अष्टमी के अलावा चैत्र नवरात्रि, नव संवत्सर, गणगौर, रामनवमी व झूलेलाल जयंती सहित कई प्रमुख व्रत—पर्व आएंगे। इनमें 12 मार्च को रंग पंचमी, 22 मार्च को चैत्र नवरात्र स्थापना, नवसंवत्सर का आगाज, 24 मार्च को लोकपर्व गणगौर, 30 मार्च को रामनवमी आदि प्रमुख पर्व आएंगे।