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शाम्भवी शिवयोग शिविर: अवधूत बाबा शिवानंद ने बताया क्या है शिवयोग खेती

सिद्धगुरु डॉ. अवधूत शिवानंद ने रविवार को किसानों व शिविर में आए सभी साधकों को शिवयोग कृषि की दीक्षा प्रदान की।

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Avdhoot Shivanand in jaipur

Avdhoot Shivanand

जयपुर . मध्यप्रदेश के नरसिंहपुरा का सीधा-साधा सा एक किसान स्टेज पर आता है और अपनी कृषि के बारे में जानकारी देते हुए कहता है कि मैं पिछले कई बरसों से अपने खेतों में रासायनिक खाद डालता आ रहा था, फसलें होती थी तो उन पर स्प्रे भी करता था, इसके बावजूद मेरी फसलों से मुझे बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ, बल्कि खर्चों के बढ़ने से कर्ज और बढ़ गया। और अब पिछले दो सालों से न तो मैं खेतों में कोई रासायनिक खाद डाल रहा हूं और न ही कोई स्प्रे कर रहा हूं। इसके बाद भी मेरे खेतों में टमाटर भी 6-6 फीट के हो गए हैं। पालक और फूलगोभी की फसल भी इतनी अच्छी हुई है कि मुझे इस साल मुझे 9 लाख की आमदनी हुई है और खर्च कुछ भी नहीं हुआ।

लोग हैरान थे कि एेसा कैसे हो सकता है, लेकिन उस किसान भगवान सिंह ने बताया कि उसे शिवयोग कृषि की है, जिसमें वो रोजाना शाम्भवी साधना करके कॉस्मिक खाद डालता है। इससे मेरी खेतों की धरती में उपजाऊ शक्ति बढ़ गई है और उसे बहुत फायदा हुआ है। मानसरोवर के वीटी रोड पर शिप्रा पथ रैली मैदान में शाम्भवी शिवयोग शिविर के तीसरे दिन कुछ एेसा ही नजारा था। भगवान सिंह के बाद राजस्थान के लालसोट से आए किसान ने भी एेसा ही अनोखी बात बताते हुए कहा कि शाम्भवी साधना से शिवयोग खेती शुरू की है, जिससे उसे भी न केवल फसलों का दाम दोगुना मिल रहा है, बल्कि उसकी जमीन में पानी का स्तर भी बढ़कर सवा सौ फीट पर आ गया है।

क्या है शिवयोग खेती
सिद्धगुरु डॉ. अवधूत शिवानंद ने रविवार को किसानों व शिविर में आए सभी साधकों को शिवयोग कृषि की दीक्षा प्रदान की। इसके अलावा अवधूत ने कुण्डलिणी साधना भी करवाई। शिविर के दौरान डॉ. अवधूत शिवानंद ने साधकों को बताया कि फर्टीलाइजर्स, रासायनिक खाद और स्प्रे के जरिए जो खेती की जा रही है, उसकी वजह से हम जो खाना व सब्जी खा रहे हैं उसमें बहुतायत में जहर हमारे शरीर में जा रहा है।

अगर सभी किसान शिवयोग कृषि करें तो हमें न केवल जहर से मुक्ति मिल सकती है, बल्कि किसानों पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ व आत्महत्याओं पर भी अंकुश लग सकता है। शिवयोग कृषि के तहत खेतों में शाम्भवी साधना करके भगवान शिव-शिवा की शक्ति खेतों में डाली जाती है, जिसे कॉस्मिक खाद भी कहा जा सकता है। इसके बाद न तो कभी भूमि बंजर होती है और किसानों का फर्टीलाइजर्स, रासायनिक खाद और स्प्रे का खर्चा भी बच जाता है। शिवयोग खेती में किसानों को रोजाना सिर्फ आधा घंटा शाम्भवी साधना करनी है और अपने खेतों में शिव-शिवा की शक्ति डालनी है।

शहर में लोग एेसे हो सकते हैं स्वस्थ
सिद्धगुरु डॉ. अवधूत शिवानंद ने बताया कि जिन घरों में अभी क्यारियों में फूल के पौधे उगाए जा रहे हैं, उनमें भी अगर शिवयोग खेती करके कुछ सब्जियां लगा दी जाएं तो न केवल उस घर का, बल्कि आस-पड़ौस के घरों को भी ऑर्गेनिक सब्जियां खाने को मिल सकती हैं, जिससे लोगों में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ेगा और लोगों की बीमारियां दूर हो जाएंगी। एेसा करके हम एक अच्छे व स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जो लोग फ्लैट में रहते हैं वो भी लोहे के तसलों में बॉलकनी में व छत पर सब्जियां उगा सकते हैं।