इन परीक्षार्थियों की पेपर लीक मामले में जांच की जा रही है। वहीं आरपीए से दो अन्य प्रशिक्षु थानेदारों को पूछताछ के लिए एसओजी मुख्यालय लाया गया था, लेकिन कई घंटे पूछताछ के बाद उन्हें पुन: एसओजी मुख्यालय में उपस्थित होने की कहकर वापस भेज दिया। हालांकि दोनों थानेदारों के खिलाफ अभी पुख्ता सबूत नहीं मिले बताए।
एसओजी सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में पेपर लीक करने वाले गिरोह ने जयपुर शहर के कुछ कोचिंग और निजी स्कूलों के संचालकों से भी संपर्क होना बताया है। एसओजी तस्दीक कर रही है कि गिरोह से इन कोचिंग व स्कूल संचालकों ने प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर परीक्षा से पहले लिए या नहीं।
इसके अलावा एक टीम पेपर लीक से जुटाई गई रकम कहां से आई और कहां खपाई गई। इस संबंध में भी पड़ताल कर रही है। गौरतलब है कि एसओजी ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने और परीक्षा से पहले पेपर पढऩे वाले 14 प्रशिक्षु थानेदारों को गिरफ्तार किया था। ये सभी थानेदार एसओजी की रिमांड पर है। पेपर लीक करने वाले गिरोह का मास्टर माइंड जगदीश बिश्नोई, भूपेन्द्र सारण, शिक्षक राजेन्द्र यादव, पटवारी हर्षवर्धन मीणा, लाइब्रेरियन शिवरतन मोट व राजेन्द्र उफ राजू यादव से भी पूछताछ कर रही है।
इस पूरे मामले में एटीएस-एसओजी के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि पेपर लीक करने वाले गिरोह के पास पैसे कहां से आए और उन्होंने उस पैसे को कहां खपाए हैं। इन सबकी की जानकारी जुटाई जा रही है। गिरोह के किस सदस्य की कितनी सम्पत्ति है, यह भी पता किया जा रहा है।