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बेरुखी : सीकर के छात्र फिर भी नहीं सीखना चाह रहे चाइनीय और जापानी भाषा

कॉलेज स्टूडेंट को चाइनीज व जापानी सरीखी विदेशी भाषाओं में दक्ष करने की सरकारी योजना सिरे चढऩे से पहले ही दम तोड़ रही है। योजना में छात्र व सरकार दोनों की दिलचस्पी छू मंतर हो चुकी है।

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Vishwanath Saini

Nov 17, 2015

कॉलेज स्टूडेंट को चाइनीज व जापानी सरीखी विदेशी भाषाओं में दक्ष करने की सरकारी योजना सिरे चढऩे से पहले ही दम तोड़ रही है। योजना में छात्र व सरकार दोनों की दिलचस्पी छू मंतर हो चुकी है। आलम यह है कि निदेशालय से प्रस्ताव मांगने के बाद जिले की पांच सरकारी कॉलेज में से जहां एक भी स्टूडेंट ने विदेशी भाषा सीखने के लिए आवेदन नहीं किया है, वहीं नीमकाथाना की एसएनकेपी कॉलेज में करीब 10 बच्चों के आवेदन के बाद कॉलेज से भेजी गई रिपोर्ट पर निदेशालय ने तीन महीने बाद तक कोई कार्यवाही नहीं की है।

रोजगार था उद्देश्य

कॉलेज स्टूडेंट को विदेशी भाषाओं की जानकारी देना राज्य सरकार की बजट घोषणा का हिस्सा था। जिसके पीछे सरकारी की मंशा विदेशों में बढ़ रहे रोजगार के अवसरों के साथ देश में बढ़ते ट्यूरिज्म के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाना था।

कोर्स की थी योजना


योजना के तहत सरकारी कॉलेज में चाइनीज, जापानी व जर्मन सरीखी विदेशी भाषाओं का कोर्स कॉलेज में शुरू किया जाना था। इसके लिए निदेशालय ने सभी कॉलेज से नोटिस बोर्ड पर सूचना चस्पा कर विदेशी भाषा सीखने वाले स्टूडेंट की जानकारी तीन अगस्त तक मांगी थी। लेकिन, एसएनकेपी कॉलेज को छोड़ जिले की किसी भी कॉलेज में स्टूडेंट ने इसमें रूचि नहीं दिखाई।

दो साल से यही हाल


विदेशी भाषा सीखने की सरकारी योजना का दो साल से बुरा हश्र हो रहा है। पिछले साल भी जिले की कॉलेजों में योजना को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखी थी। जिसके चलते पिछले साल भी जिलेभर की किसी कॉलेज में विदेशी भाषाओं का कोर्स शुरू नहीं हो पाया था।

विदेशी भाषा के कोर्स के लिए इस बार भी स्टूडेंट ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। रिपोर्ट निदेशालय भेजी गई है।
डा.जी.एस.कलवानिया, प्राचार्य,एस.के.कॉलेज

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