इनमें शेखावाटी के भी कई कामगार शामिल हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेलों में सबसे ज्यादा 1480 भारतीय बंद हैं। वर्तमान में विदेशी जेलों में कुल 8278 भारतीय बंद हैं। इनमें से करीब आधे खाड़ी देशों की जेल में हैं। विदेशी जेलों में कुल 156 भारतीय कैदी उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। इनमें से भी 65 खाड़ी देशों में हैं। हालांकि सरकार और परिजनों के प्रयासों से पिछले पांच वर्ष में चार हजार से ज्यादा भारतीय खाड़ी देशों की जेलों से रिहा भी करवाए गए हैं।
आसां नहीं वतन वापसी भारतीय नागरिकों की हिरासत या गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही इन देशों में स्थित भारतीय मिशन/केंद्र उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध करवाता है। जहां भारतीय समुदाय अधिक संख्या में हैं वहां वकीलों का स्थानीय पैनल भी है। इसके बावजूद वतन वापसी आसान नहीं होती।
सीकर के लोसल कस्बे के पास रताऊ गांव का गोविंद कमाने के लिए सऊदी गया था। वहां ड्राइवर का काम करते हुए उससे एक्सीडेंट हो गया और सऊदी के एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहां के नियमानुसार कोर्ट ने उस पर 76 लाख रुपए की राशि क्लेम के रूप में जमा करवाने के आदेश दिए। उसके पास इतने रुपए नहीं थे। उसे जेल में डाल दिया गया।
झुंझुनूं जिले की खेतड़ी तहसील के बबाई गांव का मनीष कुवैत गया था। वहां उसके साथी ने एक डिब्बा यह कहकर दिया कि इसमें दवा है। वहां की पुलिस ने डिब्बे की जांच की तो दवा की जगह कुछ ऐसा पदार्थ मिला जो वहां के कानून के अनुसार वैध नहीं था। मनीष को गिरफ्तार कर कुवैत की मुख्य जेल में डाल दिया गया। जब उसे छोड़ा गया, तो उसका वीजा खत्म हो गया।
विदेश जाने वाले कामगारों को वहां के नियम-कानूनों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। सरकार प्रशिक्षण की व्यवस्था बेहतर बनाए तो इस तरह के मामलों पर रोक लग सकती है। सरकारों ने पांच साल पहले दावा किया था कि खाड़ी देशों में रोजगार के लिए भेजने को सरकार खुद एक पोर्टल बनाएगी। – महादेव सिंह, खाड़ी मामलों के एक्सपर्ट, सीकर
देश बंद उम्र कैद भारतीय सं अरब 1480 05 अमीरात स. अरब 1392 00 कतर 473 07 ओमान 68 12 कुवैत 458 28 इराक 03 00 ईरान 07 00
बहरीन 163 13 (विदेश मंत्रालय की ओर से एक अप्रेल 2022 को उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार)