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कमरदर्द हो तो 4-5 दिन आराम जरूर करें, नहीं बढ़ेगी परेशानी

स्लिप डिस्क, हड्डियों और मांसपेशियों में खिंचाव के कारण हो सकता है कमर में दर्द

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कमरदर्द हो तो  4-5 दिन आराम जरूर करें, नहीं बढ़ेगी परेशानी

कमरदर्द हो तो 4-5 दिन आराम जरूर करें, नहीं बढ़ेगी परेशानी

बदलती जीवनशैली और लंबी सीटिंग की वजह से कमरदर्द और रीढ़ की हड्डी संबंधी बीमारियों की आशंका बढ़ रही है। कमरदर्द में सबसे आम समस्या स्लिप ***** की है, जिसकी वजह से झुकने, बैठने या कोई भी काम करने में तकलीफ होती है। इस बीमारी के पीछे मुख्य वजह अचानक से वजन उठाना, गलत तरीके से उठना-बैठना या फिर कमर की मांसपेशियों का कमजोर हो जाना है। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित व्यायाम से कमरदर्द की क्रॉनिक समस्या भी ठीक हो सकती है।

खराब जीवनशैली भी वजह!
कमरदर्द के पीछे मोटापा, अचानक से भार उठाना, गलत बॉडी पॉश्चर, स्मोकिंग, डिप्रेशन, एंजाइटी और मानसिक समस्या हो सकती है। 50 वर्ष की कम उम्र में स्लिप डिस्क, हड्डियों एवं मांसपेशियों की खिंचाव के कारण कमर दर्द हो सकता है। इससे अधिक उम्र में हड्डियों और लिगामेंट का बढऩा या फिर कैंसर भी कारण हो सकता है।

तीन तरह का होता है कमर का दर्द
कमर के दर्द की स्थिति को तीन भागों में बांटा गया है। पहला पार्ट एक्यूट बैक पेन है, जिसमें कमर में तेज दर्द होता है लेकिन चार हफ्ते तक ही बना रहता है। यदि चार से १२ हफ्ते तक कमर में दर्द बना है तो इसे 'सब एक्यूट बैक पेनÓ कहा जाता है। 12 हफ्तों से ज्यादा की स्थिति क्रॉनिक बैक पेन कहलाती है। यदि नर्व पर कोई दबाव पड़ा है तो दर्द कमर के आसपास, कूल्हे तक या फिर पैरों में घुटने से नीचे भी हो सकता है।

तनाव से दूर रहें
आ मतौर पर दर्द को कम करने की दवा, 4-5 दिन बेड रेस्ट से आराम मिल जाता है। कई बार ठीक होने में तीन से छह माह का समय भी लग सकता है। ऐसे में पॉजिटिव रहें और स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं। तनाव और एंजाइटी से दूर रहें। यदि दर्द के साथ पैरों में बहुत कमजोरी महसूस हो रही है और यूरिन करते समय भी दिक्कत हो रही है तो ऐसी स्थिति में सर्जरी करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

हैल्दी डाइट लें और हल्का व्यायाम करें
द र्द की स्थिति के आधार पर ही एक्सरसाइज की जानी चाहिए। इसलिए फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह से ही कोई एक्सरसाइज करें। रिकवरी के बाद कोई भी एंडवास एक्सरसाइज न करें। लेटकर और पैरों को मोड़कर किए जाने वाले योगासन जैसे पवनमुक्तासन, सिंगल लेग राइज, सेतुबंधासन एवं पेट के बल लेटकर शलभासन करें। आहार में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी युक्त चीजें ज्यादा लें। सुबह की धूप लें।

डॉ. नीरेन्द्र कुमार राय, विभागाध्यक्ष, न्यूरोलॉजी विभाग एम्स, भोपाल
ओम प्रकाश शर्मा, योग विशेषज्ञ, नई दिल्ली