Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

19 हजार करोड़ का स्मार्ट ‘सपना’, 7 साल, 7 सेक्टर… बदलेगा चेहरा

राजस्थान के शहरों को और ‘स्मार्ट व सस्टेनेबल’ बनाने की दिशा में काम शुरू होगा। यहां 19149 करोड़ की लागत से शहरों को रहने लायक, टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली और पर्यावरण के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा। इस मेगा प्रोजेक्ट को 7 हिस्सों में बांटा गया है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

GAURAV JAIN

Oct 08, 2025

- विश्व बैंक और एशियन डवलपमेंट बैंक से लोन की पहली बाधा पार

जयपुर. राजस्थान के शहरों को और ‘स्मार्ट व सस्टेनेबल’ बनाने की दिशा में काम शुरू होगा। यहां 19149 करोड़ की लागत से शहरों को रहने लायक, टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली और पर्यावरण के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा। इस मेगा प्रोजेक्ट को 7 हिस्सों में बांटा गया है। इसमें शुद्ध पेयजल, वेस्ट वाटर प्रबंधन, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, अरबन मोबिलिटी, ड्रेनेज-बाढ़ प्रबंधन, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर एवं हैरिेटेज संरक्षण और कॉमन एफल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए काम होगा। खास यह है कि मूलभूत कार्यों पर फोकस रहेगा। इस राशि का उपयोग ब्रिज, अंडरपास, सड़क या इमारत निर्माण में नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए विश्व बैंक और एशियन डवलपमेंट बैंक से लोन के लिए पहली बाधा पार कर ली है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने लोन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अब प्रस्ताव नीति आयोग के पास पहुंच गया है।

इन पर रहेगा जोर

1- फोकस पॉइंट: प्रोजेक्ट का फोकस सड़क और नालों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शहरों को फ्यूचर-रेडी बनाना है।

2- इसलिए खास: यह प्रोजेक्ट संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स) के साथ जुड़ा है। इसका मकसद गरीबी खत्म करना, हर व्यक्ति को स्वच्छ पानी और बेहतर सफाई व्यवस्था देना, जलवायु परिवर्तन से निपटना और शहरों को टिकाऊ व रहने लायक बनाना है।

3- टाइमलाइन तय: सात साल में फेज वाइज प्रोजेक्ट पूरा होगा। इसमें 296 शहरों में सीवरेज सिस्टम और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट में सुधार करेंगे। 80 शहरों में बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा।

युवाओं के लिए भी मायने

इसमें ग्रीन जॉब्स, अर्बन टेक्नोलॉजी, क्लाइमेट इनोवेशन और स्मार्ट सिटी डिजाइनिंग जैसे सेक्टर में युवाओं के लिए बड़े अवसर बनेंगे। इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, और प्लानिंग के स्टूडेंट्स के लिए यह एक बड़ा अध्ययन और करियर प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है।

इन 7 सेक्टर में होगा काम

1- शुद्ध पेयजल: 80 शहरों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता। (5246 करोड़)

2- वेस्ट वाटर मैनेजमेंट: 296 शहरों में सीवरेज सिस्टम और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट में सुधार किया जाएगा। (6662 करोड़ रुपए)

3- सॉलिड वेस्ट प्रबंधन: 32 शहरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा। (650 करोड़)

4- अरबन मोबिलिटी: 7 शहर- 2022 करोड़

5- ड्रेनेज, बाढ़ प्रबंधन: 56 शहरों में मास्टर ड्रेनेज प्लान के तहत ड्रेनेज निर्माण, जिससे बारिश में बाढ़ जैसे हालात नहीं बनें। (500 करोड़)

6- कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, हैरिेटेज संरक्षण: 56 शहरों में हेरिटेज और टूरिज्म डवलपमेंट होगा। ऐतिहासिक शहरों में हेरिटेज संरक्षण और टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बूस्ट किया जाएगा। (701 करोड)

7- कॉमन एफल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट: औद्योगिक क्षेत्र या शहर के कई कारखानों और संस्थानों से निकलने वाला गंदे पानी (औद्योगिक अपशिष्ट) को परिशोधित करने के लिए प्लांट बनाए जाएंगे। (870 करोड़)

किससे कितना ले रहे लोन...

एशियन डवलपमेंट बैंक- 15656 करोड़

वल्ड बैंक- 3492 करोड


बड़ी खबरें

View All

जयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग