
स्मार्ट फोन, स्मार्ट टीवी के बाद अब स्मार्ट डस्टबिन बनाया गया है। इसे ऐसी तकनीक से तैयार किया गया है कि इसमें कचरा खुद-ब-खुद चार अलग-अलग हिस्सों में बंट जाता है। जैविक, अजैविक, गीला और पुनर्चक्रीय कूड़ा अपने-अपने खाने में चला जाता है। कूड़ेदान भरने पर खुद ही गृहस्वामी या निगम प्राधिकारी को सूचना भेज देगा। इससे कचरा कूड़ेदान के आसपास नहीं बिखरेगा।
यह कूड़ेदान डीपीएस बोकारो में 10वीं के छात्र उत्कर्ष राज ने बनाया है। इस नवाचार के लिए उत्कर्ष का चयन भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के लिए किया जा चुका है। उसे मॉडल तैयार करने के लिए 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिली है। उत्कर्ष आइएएस अधिकारी बनना चाहता है।
बिन में क्या-क्या
लगभग ढाई हजार रुपए खर्च कर उत्कर्ष ने सेंसर, माइक्रो चिप, इंटरनेट कनेक्टिविटी से यांत्रिकी तैयार की और कूड़ेदान में लगाई। इसमें कचरा डालने के बाद पहली सतह में लगा सेंसर उसे नीचे वाले चार अलग-अलग चेंबर में भेज देता है। इसमें चार सेंसर लगे हैं।
यों आया आइडिया
फार्मा कंपनी में कार्यरत राकेश सिन्हा के पुत्र उत्कर्ष ने बताया कि घर के आसपास डिब्बे से बाहर बिखरे कूड़े देखकर उसने समस्या के निदान पर विचार किया। उत्कर्ष के शिक्षक अब्दुल्ला ने स्मार्ट डस्टबिन बनाने में मार्गदर्शन किया।
Published on:
16 Nov 2022 08:06 pm
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