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जयपुर. सांपों से इन दिनों घरों में दहशत का माहौल है। आए दिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों के घरों में सांप— और उनके बच्चे निकल रहे हैं। रेस्क्यू के मामले बढ़ते जा रहे है। विशेषज्ञों के मुताबिक यहां सांपों की लगभग एक दर्जन प्रजातियां है।
काफी गुस्सैल और तेज हमलावर भी
क्षेत्र में सर्वाधिक संख्या कोबरा संाप प्रजाति की पायी गई है। ये अत्यंत जहरीला होने के साथ साथ काफी गुस्सैल और तेज हमलावर भी होता है। इसके काटने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। रेस्क्यू करने वाले विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार दो-तीन महीने में सर्वाधिक रेस्क्यू प्रतापनगर, पांच्यावाला, जगतपुरा, सांगानेर, मानसरोवर, आमेर क्षेत्र में किए गए। रोजाना आधा दर्जन से अधिक रेस्क्यू हो रहे है। सांप को निम्न स्तर तापमान और शिकार की जरुरत होती है। इसके लिए ये घर में पुराने कबाड़, टायर, पाइप लाइन आदि घुस जाते है। वहां उन्हें खाने के लिए जीव भी मिल जाते है।
.......मारे नहीं निगरानी रखें.........
विशेषज्ञ चिन्यम मैसी ने बताया कि सांप घर में आ जाए तो उसे मारने की बजाव हेल्प लाइन पर सूचना दें। जब तक कोई आए रेस्कयू करने तब तक उस पर नजर जमाए रखें। उसे मारने, पकडऩे और छेडऩे का प्रयास नहीं करें।
...........कूलर में घुस गया............
पांच्यावाला निवासी मेघा ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व कूलर में सांप दिखा तो घर में अफरा—तफरी मच गई। जैसे ही किसी को बुलाने गई तो ये थोड़ी देर बाद ये गायब हो गया। ऐसे में सबके छक्के छूट गए। सब परेशान हो गए। आखिरकार काफी देर ढूंढने के बाद शाम को इसका रेस्क्यू हो सका। डीसीएम निवासी अंकित ने बताया कि दादी ने पाइप में कोबरा घुसे देखा। इसके बाद रेस्क्यू टीम आने तक लगातार उसकी निगरानी की। इसके पास बड़ी तादाद लोग जुट गए। इसके बाद घर में लोगों को राहत की सांस मिली।
सांपों की 270 प्रजातियों का घर
भारत में सांपों की 270 प्रजातियां पाई जाती है। यहां का वातावरण सांपों के लिए मुफीद है। यहां पाई जाने वाली संापों की प्रजातियों में से लगभग 60 अत्यधिक विषैली है. नाग, कोबरा, करैत, डबोइया या रसेल वाईपर और सा स्केल्ड वाईपर अत्याधिक खतरनाक माने जाते है. भारत में प्रति वर्ष हज़ारों लोग विषैले सांपों के काटने के कारण मर जाते है।
Published on:
18 Sept 2018 01:19 am
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