
Solar eclipse 2023 :साल का पहला कंकणाकृति सूर्य ग्रहण, जिस पर राहु की छाया से क्या कुछ होगा असर ?
जयपुर। वैशाख कृष्ण अमावस्या पर आज साल का पहला सूर्य ग्रहण हो रहा है। यह कंकण आकृति का सूर्य ग्रहण है, जिस पर राहु की छाया रहेगी। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में यहां इसका सूतक भी नहीं है।
ज्योतिषाचार्य डॉ रवि शर्मा ने बताया कि विदेशों में यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 7 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट के मध्य अलग—अलग समय पर ग्रहण होता हुआ नगर आ रहा है। सूर्य ग्रहण 5 घंटे 24 मिनट तक रहेगा। सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि दुनिया के कई हिस्सों में यह आसानी से देखा जा रहा है। सूर्य ग्रहण 3 तरह का दिखाई दे रहा है। यह आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार के रूप में नजर आ रहा है।
ज्योतिषाचार्य शर्मा ने बताया कि सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र में हो रहा है। इसमें चार ग्रहों का योग होने से भूकंप सहित अन्य प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन शास्त्रों में इसका काफी महत्व माना जाता है। मेष राशि मंगल की राशि है, अश्वनी नक्षत्र के स्वामी केतु हैं। ऐसे में मेष राशि 30 अक्टूबर तक राहू केतु के प्रभाव में रहेगी। ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव मेष राशि वालों पर रहेगा। इसके अलावा वृष, कन्या, मिथुन, तुला, कर्क राशियों को सूर्य ग्रहण प्रभावित कर सकता है।
यहां दिखाई दे रहा सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण चीन, अमेरिका, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है।
Published on:
20 Apr 2023 11:30 am
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