
पत्नी व बेटे की हत्या के दो साल पुराने मामले में जिला सेशन न्यायाधीश एसके जैन ने युवक को आजीवन कारावास सुनाया। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के तहत चिकित्सकीय साक्ष्य फैसले के मुख्य आधार बने। सबूत नष्ट करने पर दो वर्ष का कारावास भुगतना होगा। युवक ने मासूम बेटे को डुबोकर मार दिया था, जबकि पत्नी को गला घोंटने के बाद फंदे से लटका दिया था। न्यायिक सूत्रों के मुताबिक गच्छालों की भागल साकरोदा में पत्नी टमु व और 11 महीने के बेटे दीपक की हत्या के आरोपित भैरूलाल पुत्र सोहनलाल गुर्जर को जिला सेशन न्यायाधीश ने दोषी माना। टमु के पीहर पक्ष के रूपलाल गुर्जर की तरफ से हत्या का प्रकरण दर्ज होने के बाद 22 अक्टूबर 2013 को चालान पेश किया गया। इसके तहत 13 मौखिक साक्ष्य व 27 दस्तावेजी साक्ष्य पेश हुए। दोनों पक्षों के साथ गवाह व सबूतों का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश ने भैरूलाल गुर्जर को दोषी करार दिया। पोस्टमार्टम में पता चला कि गला दबाया, जिसमें गले की हड्डी भी टूटी मिली। इसके गले में रस्सी के दो निशान मिले। आरोपित ने बचाव के लिए कोई स्पष्टीकरण या बयान नहीं दिया। इस मामले में पुलिस जांच कमजोर रही, मगर चिकित्सकीय साक्ष्य प्रकरण में अहम सिद्ध हुए। आरोपित भैरूलाल गुर्जर का किसी महिला से अवैध संबंध था। इसे लेकर टमु कई बार विरोध जता चुकी थी। टमु ने 12 सितम्बर 2013 की शाम भी पति से इसी बात पर झगड़ा किया। आवेश में भैरूलाल ने पहले 11 माह के बेटे दीपक को पानी से भरी बाल्टी में डुबो दिया। फिर गला घोंटकर टमु की हत्या कर दी। फिर छत पर डिश एंटीना के जरिये रस्सी से मकान के पिछवाड़े की तरफ शव को लटकाकर घर में जाकर सो गया था।
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