संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अभियुक्त कहने और एसओजी के गिरफ्तारी के डर से जेड प्लस सिक्योरिटी लेने के मामले में मुख्यमंत्री गहलोत के बयान की भारतीय जनता पार्टी ने निंदा की है। उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री के इस तरह केंदय मंत्री के खिलाफ बयान देने को षड्यंत्र का ताना-बाना करार है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री का राज्य के गृह मंत्री के रूप में यह बयान निंदनीय है। किस आधार पर उन्होंने इस बात को कह दिया । आज गृहमंत्री कहता है तो उससे पुलिस प्रभावित होती है। राठौड़ ने आरोप लगाया कि यह षड्यंत्र का ताना-बाना है। जिन मामलों में न्यायिक हस्तक्षेप हो चुका है। न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह गजेंद्र सिंह को क्लीन चिट दे चुका हैं । ऐसे में किस आधार पर मुख्यमंत्री गहलोत यह कह रहे हैं । राज्य के मुख्यमंत्री को शब्दों का इस्तेमाल सोच समझ करना चाहिए। सूबे की सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठे हुए व्यक्ति का राजनीति में आचरण और व्यवहार परंपरा भी है उसे निभाना चाहिए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर प्रवास के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लेकर बयान दिया था। संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी पीड़ित मुख्यमंत्री से मिलने आए थे और उन्होंने गुहार लगाई थी कि उनका पैसा उन्हें मिल जाए। उसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मामले में अभियुक्त है उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जो जिनके पास कोऑपरेटिव विभाग भी है उनसे बात करके इस मसले को हल करना चाहिए। पीड़ितों को ब्याज न सही मूल रकम ही लौटा दी जाए।
गहलोत ने यह भी कहा था कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मामले में अभियुक्त हैं ऐसे में उन्होंने एसओजी से बचने के लिए जेड प्लस सुरक्षा ली है। मंत्री को यदि कोई खतरा था तो वह हमें बताते हम उन्हें राज्य में दूसरे बीजेपी नेताओं की तरह सुरक्षा उपलब्ध करवाते। केंद्र सरकार से जेड प्लस सुरक्षा लेने का मतलब एसओजी से बचना प्रतीत हो रहा है।