
जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (RCDF) राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन की ओर से (Jaipur Dairy) जयपुर डेयरी को दिए 12 मार्च के नोटिस की पालना में किसी भी प्रकार की (Service Fee or Cess) सर्विस फीस या सैस (recovery) वसूल करने पर अग्रिम आदेश तक (Stay) रोक लगा दी है। अदालत ने आरसीडीएफ और जयपुर डेयरी के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश जयपुर जिला दुग्घ उत्पादक सहकारी संघ के चैयरमेन ओम प्रकाश पूनियां की याचिका पर दिए।
जयपुर डेयरी के एडवोकेट डॉ.अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि आरसीडीएफ वर्ष 1992 से अब तक जयपुर डेयरी से प्रत्येक तिमाही के आधार पर 85 करोड रुपए से अधिक की सेस राशि वसूल कर चुकी है । जबकि अब तक इस मद में जयपुर डेयरी के विकास पर कोई राशि खर्च नहीं की गई। दूध उत्पादन व वितरण कोरोना लॉकडाउन में आवश्यक सेवाओं में शामिल है। इसके बावजूद सरकार के कहने पर आरसीडीएफ ने 12 मार्च को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता से सात करोड 94 लाख रुपए की वसूली की है। नोटिस मिलने के बाद जयपुर डेयरी चैयरमेन और बोर्ड ने इस राशि का भुगतान आरसीडीएफ को नहीं करने का निर्णय लिया। जिसकी सूचना अपने प्रबंध निदेशक को भी दी गई। प्रबंध निदेशक आरसीडीएफ का कर्मचारी होता है। इसलिए उसने बोर्ड के निर्णय की अवहेलना करते हुए आरसीडीएफ को भुगतान कर दिया और जयपुर डेयरी के बोर्ड के निर्णय को आरसीडीएफ के अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने निरस्त कर दिया। जबकि उसे बोर्ड के निर्णय को निरस्त करने का अधिकार ही नहीं था। अतिरिक्त रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ अपील करने का बोर्ड ने फैसला किया था,लेकिन यह अपील नहीं की गई और आरसीडीएफ को भुगतान कर दिया गया। आरसीडीएफ ने आरटीआई में सेस की वसूली की गई राशि और उसके खर्च का हिसाब देने से भी इनकार कर दिया।
Published on:
04 May 2020 08:41 pm
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