
अक्षिता देवड़ा/Rajasthan Politics: छात्र-राजनीति से निकले कई छात्र नेता मौजूदा वक्त में सत्ता पक्ष और विपक्ष में अपना नाम चमका रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, हनुमान बेनीवाल और कालीचरण सराफ जैसे कई नाम इस फेहरिस्त में शामिल हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 भी अब बेहद नजदीक है। कभी भी चुनाव कार्यक्रम का एलान हो सकता है। इस बार भी कई छात्र नेता इस चुनाव में अपनी ताल ठोंक रहे हैं। सभी पार्टियां जनता को रिझाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। यही कारण है कि युवाओं और छात्र-छात्राओं के समर्थन के लिए पार्टिंयां इस बार भी छात्र नेताओं को टिकट दे सकती है। कुछ छात्र नेताओं ने इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना दावा भी पेश किया है।
लोहावट से दावा कर रहे अभिषेक चौधरी
राजस्थान NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी भी युवाओं के बीच एक जाना-पहचाना नाम बनकर उभर रहा है। वह जोधपुर से अलग हुए जिले फलोदी के लोहावट क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। छात्रों के बीच रहकर करीब से उनकी समस्याओं को पहचानते हुए उन्होंने अभी सबसे ज्यादा बढ़ रही समस्या युवाओं को नशे की गिरफ्त से मुक्त करने का मुद्दा है, जिसे वह सदन में उठाने की चाहत रखते हैं। अभिषेक चौधरी ने टिकट नहीं भी मिलने पर निर्दलीय लड़ने की बात पर साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, पार्टी जिस भी व्यक्ति को टिकट देगी उसके सपोर्ट में खड़े होकर पार्टी का साथ देंगे।
रविंद्र सिंह भाटी भी उतरेंगे चुनावी मैदान में
पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास जोधपुर के कॉलेज से 55 साल बाद बतौर निर्दलीय अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद सुर्खियों में आए रविंद्र सिंह भाटी भी राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में उतरने की तैयारियों में जुटे हैं। कोरोना की वजह से वे लगातार 3 साल तक जेएनवीयू के अध्यक्ष रहे। चुनाव लड़ने की तैयारी को लेकर रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि 'जनता मेरे लिए सर्वोपरि है, जिस पार्टी से जनता चाहेगी, उस पार्टी पर मैं विचार करूंगा'।
अमित बड़बड़वाल बोले, उम्मीद है कि पार्टी देगी टिकट
राजस्थान विश्विद्यालय के 2019 में ABVP प्रत्याशी और 2016 में लॉ कॉलेज के चुनाव जितने वाले अमित बड़बड़वाल भी शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र से अपनी ताल ठोकने को तैयार है। पत्रिका से बातचीत में अमित बड़बड़वाल ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी है और उम्मीद है कि पार्टी टिकट देगी बाकी जनता का फैसला सर्वोपरि है। वहीं चुनाव में छात्रहितों के लिए एजुकेशन के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेंगे और विदेशों की एजुकेशन की तुलना में देश में एजुकेशन के बीच के गैप को कम करने की कोशिश करेंगे, जिससे युवाओं को उन्ही के देश में पढ़ने की भी अच्छी सुविधा मिले और रोजगार के अवसर भी खुले।
निर्दलीय लड़ने का कोई प्लान नहीं — अरविन्द जाजड़ा
2019 में लॉ कॉलेज में 3 चुनावों से वोट हारने के बाद 2022 में ABVP से जुड़कर महासचिव पद पर विजय होने के बाद अब अरविन्द जाजड़ा राजस्थान के नागौर जिले से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। टिकट की लाइन में लगे अरविन्द का कहना है कि उन्हें टिकट मिलने की संभावना है और टिकट नहीं भी मिलने पर इस पर विचार करेंगे और पूरी रणनीति के साथ मैदान में आएंगे। फिलहाल निर्दलीय लड़ने का कोई प्लान नहीं है। वहीं छात्राओं के सभी मुद्दों को उठाया जाएगा, जिसमें बेरोजगारी का मुद्दा मुख्य होगा।
गणपत पटेल चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे
2018 में NSUI के प्रदेशसचिव गणपत पटेल भी पाली क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में है और पूरी NSUI टीम उनके साथ खड़ी है और नाम भी आगे दिया है फिर भी अगर टिकट नहीं मिलता है तो वह पार्टी के उम्मीदवार के साथ खड़े होकर पार्टी के उम्मीदवार को जिताएंगे। वहीं पाली में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या को उठाकर उसका निवारण करेंगे।
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RU ने सूबे की राजनीति को दिए कई नेता
छात्रसंघ के गलियारों से राजनीति ककहरा सीखने के बाद सूबे की राजनीति में लंबी पारियां खेलने वालों की एक लम्बी फेहरिस्त है। राजस्थान विश्वविद्यालय ने सूबे की राजनीति को कई नेता जिसमें राजेंद्र राठौड़, कालीचरण सराफ, राजपाल सिंह शेखावत, रणवीर गुढ़ा, राजकुमार शर्मा, हनुमान बेनीवाल, महेंद्र चौधरी, प्रताप सिंह खाचरियावास आदि शामिल है।
Updated on:
07 Oct 2023 04:10 pm
Published on:
07 Oct 2023 04:07 pm
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