जयपुर। स्कूली बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इंस्पायर अवार्ड मानक योजना शुरू की गई। लेकिन इस योजना के प्रति विद्यार्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। हालात ये हैं कि विभाग की ओर से बार—बार आवेदन मांगने के बाद भी विद्यार्थी इसके लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण ये भी है कि विद्यार्थियों को इस योजना का पता नहीं है और शिक्षक इसके बारे में बता नहीं रहे हैं। इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के आवेदन आॅनलाइन होंगे।
31 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में सत्र 2018—19 के लिए प्रत्येक विद्यालय से 2 से 3 विद्यार्थियों को आवेदन करना है। अभी तक प्रदेशभर के अधिकांश जिलों में आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या न्यून हैं। अब विभाग ने इसकी तिथि 31 जुलाई तक बढ़ाई है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियों और संस्था प्रधानों को पाबंद किया है कि प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थियों से आवेदन कराए जाएं।
ये विद्यार्थी कर सकते हैं आवेदन
इस योजना के तहत कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में विद्यार्थी को सिर्फ आइडिया देना होता है। आइडिया ऐसा होना चाहिए जिसका मॉडल बनाने पर समय और पैसा दोनों कम खर्च हों और उससे आमजन की दैनिक जीवनचर्या में कोई सुधार हो। आइडिया चयनित होने पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक मॉडल बनाएंगे। इसके लिए विद्यार्थी को रॉयल्टी मिलेगी।
ये मिलेगी राशि
इस योजना के तहत विद्यार्थी को 5—5 हजार रुपए की राशि प्रत्यक्ष लाभ योजना के तहत दी जाएगी। प्रदेशभर से अधिकतम 10 हजार प्रोजेक्ट और आइडिया का चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता और प्रदर्शनी के लिए किया जाएगा।
संस्था प्रधानों को किया पाबंद
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच लाएगी। विद्यार्थी इस योजना में आवेदन नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक स्कूल से 2 से 3 विद्यार्थियों से आवेदन कराना अनिवार्य है, इसके लिए संस्था प्रधानों को पाबंद किया है।
दीपक शुक्ला, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा