
जयपुर . विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने जयपुर, जोधपुर , झालावाड़, नवलगढ़, कोटा के बाद अब उदयपुर में उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र बनेगा। उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र खोले जाने के संबंध में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल चुकी है।
डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) से मिली जानकारी के अनुसार पांच करोड़ रुपए की लागत से उदयपुर के शिल्प ग्राम के पास 10 से 12 एकड़ में उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र बनेगा। मुंबई के नेहरू साइंस सेंटर के निर्देशन में कार्य करवाया जाएगा। इसके लिए नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) ने लोकेशन का दौरा कर लिया है और अपनी रिपोर्ट संस्कृति मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है। एनसीएसएम ने एनआईटी जारी कर दी है। साथ ही विज्ञान केंद्रों में लोकल लेवल पर जनभागीदारी हो इसलिए अरबन इम्प्रवूमेंट ट्रस्ट (यूआईटी) भी वित्तीय सहायता देंगे। प्रथम चरण का काम एक साल में पूरा होगा। एक महीने में केंद्र का निर्माण कार्य शुरू होगा।
यूआईटी ने दिए अतिरिक्त पांच करोड़ रुपए
जानकारी के अनुसार उदयपुर में बनने वाले उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के लिए 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और 50 प्रतिशत राशि भारत सरकार देगी। साथ ही पांच करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि यूआईटी, उदयपुर ने दी है।
यह होगा आकर्षण
इसमें थ्रीडी थिएटर होगा, जिसमें साइंस से जुड़ी फिल्में दिखाई जाएंगी। साथ ही स्पेस एंड एस्ट्रॉनोमी एजुकेशन सेंटर भी होगा, जिसमें दर्शकों को अंतरिक्ष के उद्भव, नई गेलेक्सी कैसे उत्पन्न होती है आदि की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा डिजिटल तारामंडल बनेगा और इनोवेशन हब तैयार किया जाएगा, जिसमें स्टूडेंट्स अपने आइडियाज पर वर्क कर सकेंगे। हब में एक्सपर्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर स्टूडेंट्स को उपलब्ध होगा। एनसीएसएम इसके लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता देगा।
ये होंगे मॉडल्स
विज्ञान की जटिल प्रक्रियाओं को आसानी से समझने के लिए प्रकाश पर आधारित मॉडल्स, एनर्जी से सबंधित, ऊष्मा गति के नियमों पर और गैर परम्परागत ऊर्जा के स्त्रोत पर आधारित मॉडल्स को लगाया जाएगा। साथ ही डायनासोर का मॉडल भी लगेगा।
Published on:
08 Dec 2017 07:08 pm
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