पक्षी विशेषज्ञ इसे चमगादड़ के प्रवास में बाधा और उसके कारण प्रवास में परिवर्तन ही मान रहे हैं। दरअसल, इनका प्रवास बड़े पेड़ और पुराने खंडहरनुमा मकान व हवेलियां होती हैं। जयपुर के पुराने शहर की पुरानी हवेलियों को इनके प्रवास का बड़ा स्थान माना गया है। लेकिन अब इनकी संख्या में कमी सहित कई बार बड़े पेड़ की कटाई से भी ये स्थान परिवर्तन को मजबूर हो रहे हैं। नया ठिकाना मिलने तक ये एक से दूसरे स्थान पर मंडराते रहते हैं।
इन इलाकों में रह रहे लोगों ने बताया कि पहले ये रात में नजर आते थे, लेकिन अब घरों के अंदर तक और यहां तक कि लिफ्ट तक भी पहुंचते देखे गए हैं जिससे दहशत जैसी स्थिति भी हो गई। चमगादड़ों के झुंड इन्हें नजर आ रहे हैं। कुछ जगह यह लोगों के घरों में बने गार्डन के पेड़ों पर भी लटके दिख रहे हैं। इससे पेड़-पौधों को भी नुकसान हो रहा है। इतना नहीं चमगादड़ों से कोरोना वायरस फैलने की भ्रांतियों के कारण लोगों में दहशत का माहौल भी देखने को मिल रहा है। लोगों ने बताया कि चमगादड़ पेड़-पौधे की पत्तियों व फलों को नष्ट कर रहे है।
वन्यजीव विशेषज्ञ ने बताया कि अचानक संख्या बढऩा जैसी कोई बात नहीं है। कई बार यह स्थान परिवर्तन कर लेते हैं। इस वजह से कई बार अधिक संख्या में दिखाई देने लगते हैं। खास बात है कि ये कई महीने तक एक ही स्थान पर प्रवास कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चमगादड़ से डरने की जरूरत नहीं है। वे उंचाई पर रहते हैं। हालांकि दिन में उनकी चहचहाहट से परेशानी हो सकती है, लेकिन अमूमन वे कोई नुकसान नहीं करते। इनकी सर्वाधिक संख्या उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ इलाके में है। जहां गांव-गांव, नदी-नाले में यह मिल जाते हैं। जयपुर में खातीपुरा ग्रास फार्म नर्सरी में भी इनकी अच्छी संख्या है।
चमगादड़ बड़े, सुगंधित और मिठास युक्त पेड़ों पर रहते हैं। कई बार इनके प्रवास में मानवीय दखल जैसे कि पेड़ों की कटाई, छंगाई समेत कई कारण से यह ठिकाने बदल लेते हैं और बड़े पेड़ों पर रहते हैं। यही वजह कि इन दिनों यह शहर के विभिन्न इलाकों में ज्यादा दिख रहे हैं।
-सतीश शर्मा, पक्षी विशेषज्ञ
चमगादड़ों की आवक से कोविड के खतरे के अभी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। कोविड वायरस कृत्रिम है या प्राकृतिक..यह भी अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन आमतौर पर ऐसे पक्षियों व जानवरों से सावधान रहना ही चाहिए, लेकिन घबराने जैसी कोई बात नहीं है।
-डॉ.रमन शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन एसएमएस मेडिकल कॉलेज