
जयपुर। राजस्थान में तेज़ होती गर्मी को देखते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना में काम करने वाले श्रमिकों के लिए कार्य समय में बदलाव की संभावना बढ़ गई है। अब जिला कलेक्टर और जिला कार्यक्रम समन्वयक स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार काम का समय तय कर सकेंगे। ग्रामीण विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा ने निर्देश दिए हैं कि कार्य अवधि 8 घंटे की होगी, जिसमें 1 घंटे का विश्राम अनिवार्य रहेगा। यदि विश्राम नहीं दिया जाता है, तो कुल कार्य अवधि 7 घंटे मानी जाएगी। यह निर्णय श्रमिकों की सहूलियत और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत श्रमिक समूह 8 घंटे की कार्य अवधि 1 घंटे के विश्राम काल के साथ निश्चित है। राज्य में गर्मी के मौसम को देखते हुए योजना अंतर्गत कार्यों का समय जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक वर्तमान स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए अपने स्तर पर निर्धारित कर सकते हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्रेया गुहा ने बताया कि कार्य समय इस प्रकार निर्धारित किया जाए कि कार्य की अवधि 8 घंटे में 1 घंटे के विश्राम के साथ हो। विश्राम काल का प्रावधान नहीं रखने की स्थिति में 7 घंटे की कार्य अवधि की जा सकती है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि जिला स्तर पर इस संबंध में निर्देश जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा जारी किए जा सकते हैं। इसमें इस बात का भी प्रावधान किया जा सकता है कि यदि कोई श्रमिक समूह समय से पहले निर्धारित टास्क के अनुसार कार्य पूरा कर लेता है तो वह कार्य की माप मेट के पास उपलब्ध मस्टरोल के टास्क प्रपत्र में अंकित करवाने के उपरांत समूह के मुखिया के हस्ताक्षर के बाद कार्य स्थल छोड़ सकता है।
Published on:
10 Apr 2025 09:13 am
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