
Justice Ashok Bhushan
जीएसटी उपयोग आधारित कर है तथा जिस राज्य में माल का उपयोग होगा। उस राज्य को कर का लाभ मिलेगा। भारत एक फेडरल कंट्री है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के परारोपण के अलग अलग अधिकार हैं, लेकिन सरकार ने 101वें संविधान संशोधन के माध्यम से केंद्र और राज्य दोनों को अप्रत्यक्ष कर वसूली के अधिकार दे दिए हैं, जिससे जीएसटी का सपना साकार हो पा रहा है।
साकार हो रहा है जीएसटी का सपना
यह कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अशोक भूषण का। भूषण राजस्थान कर सलाहकार संघ जयपुर और राजस्थान बार फैडरेशन के सहयोग से महावीर स्कूल में आयोजित 'जीएसटी-वन कंट्री वन टेक्स' कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीएसटी में भारत की सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी और इसका असर प्रत्यक्ष कर की वसूली में भी सकारात्मक पड़ेगा।
जीडीपी में होगी वृद्धि-
कॉन्फ्रेंस के विशिष्ट अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के.एस. झवेरी ने आने वाले जीएसटी के सभी प्रावधानों को संक्षिप्त में बताया और विशेष रूप से कहा कि जीएसटी से जीडीपी में वृद्धि होगी तथा फ्री मोमेंट ऑफ गुड्स हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी में केंद्र और राज्य के करीब-करीब सारे अप्रत्यक्ष कर खत्म होकर नया कानून आ जाएगा।
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साथ ही व्यापारी को राज्य से उसी राज्य में बिक्री के लिए दोनों टेक्स केंद्रीय जीएसटी और स्टेट जीएसटी वसूल करना होगा। जबकि एक राज्य से दूसरे राज्यों के कारोबार में केवल मात्र इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टेक्स (आईजीएसटी) चार्ज करना होगा।
बिक्री पर नहीं सप्लाई पर लगेगा कर
कॉन्फ्रेंस को चार सत्र में बांटा गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए यातिनाम अप्रत्यक्ष करों के वकील वी. लक्ष्मीकुमारन ने जीएसटी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि व्यापारी को जीएसटी में वैट से कैसे अपने आपको स्थानांतरण करना है तथा किस तरह से वैट की क्रेडिट को जीएसटी में ले जाना है। उन्होंने बताया कि व्यापारी को जीएसटी लागू होने से पहले और बाद में क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए, जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं हो। उन्होंने कानून के प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए बताया कि अब जीएसटी में कर लागू करने का सिद्धांत बदल गया है। अब कर बिक्री पर नहीं सप्लाई पर लगेगा। सप्लाई से उनका आशय यह था कि अगर कोई व्यापारी अपने किसी एजेंट का या ब्रांच को माल भेजेगा तो भी उसे कर वसूल करना होगा। इससे व्यापार में पंूजी की आवश्यकता बढ़ जाएगी।
ब्लैक मनी पर लगेगी लगाम
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन और सीनियर एडवोकेट बीरी सिंह सिनसिनवार ने बताया कि बहुत सारे टेक्सेज का सरलीकरण किया जा रहा है। अलग-अलग स्टेट को अलग-अलग टेक्स देना होता था। जीएसटी के आने से एक ही टेक्स लगेगा। साथ ही ब्लैकमनी वालों पर लगाम लग सकेगी। कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन वरिष्ठ सीए ओ.पी. अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी के इ प्लीमेंटेशन में फिलहाल प्रॉब्लम आ सकती है।
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राजस्थान कर सलाहकार संघ के अध्यक्ष सतीश गुप्ता और राजस्थान बार फेडरेशन के मानद सचिव समीर जैन ने बताया कि पीसी परवाल ने आयकर के ताजा प्रावधानों पर प्रकाश डाला। कॉन्फ्रेंस संयोजक अमित कुमार केडिया एवं सहसंयोजक विनोद पाटनी ने बताया कि राजस्थान के करीब 500 कर सलाहकारों एवं अधिवक्ताओं ने भाग लिया।

Published on:
22 May 2017 01:36 pm
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