न्यूरो सर्जन डॉ संजीव चौपड़ा ने बताया कि अलवर निवासी बच्ची के सिर के पिछले हिस्से में जन्म से ही गांठ थी। जो धीरे-धीरे बढ़कर दिमाग तक पहुंच गई और उसके सिर से ज्यादा बड़ी हो गई। कई लोगों ने परिजन को भ्रमित किया कि बच्ची के दो सिर हैं। गांठ के कारण उसको सुलाने, कपड़े पहनाने और दूध पिलाने में काफी दिक्कत होती थी। एसएमएस अस्पताल में बच्ची का ऑपरेशन हुआ और गांठ को हटाया गया।
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चिकित्सकों ने बताया कि ऑपरेशन में करीब तीन घंटे लगे। ऑपरेशन के बाद पहली बार बच्ची को बिना परेशानी सुलाया जा सका। उसे छह दिन तक चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया फिर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. सजीव चौपड़ा, डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. बीएल बैरवा, डॉ. मोहित एवं एनेस्थीसिया टीम से डॉ. शोभा पुरोहित, डॉ नीलू शर्मा शामिल थीं।