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Ravivar Ke Upay : अर्घ्य देने से प्राप्त होता है सूर्यदेव का आशीर्वाद, इस विधि से मिलता है पूरा लाभ

विधिपूर्वक सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही ऐसे लोगों को कभी भी नेत्र रोग का भी भय नहीं रहता।  

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Surya ko arghya dene ki vidhi , Method of arghya to suryadev

Surya ko arghya dene ki vidhi , Method of arghya to suryadev

जयपुर. सूर्य की किरणों से शरीर और मन को स्फूर्ति मिलती है। ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार सूर्य को नियमित अर्घ्य देने से न केवल तेज, पराक्रम, यश बढ़ता है बल्कि नेतृत्व क्षमता में भी वृद्धि होती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि विधिपूर्वक सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही ऐसे लोगों को कभी भी नेत्र रोग का भी भय नहीं रहता। सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सूर्योदय से पूर्व स्नान कर उदित होते सूर्य के समक्ष आसन पर खड़े होकर तांबे के कलश में पवित्र जल लें। पूर्व दिशा में सूर्य किरणें दिखाई देते ही दोनों हाथों से कलश को पकड़कर इस तरह जल चढ़ाएं कि जल धार के बीच से सूर्य देव भी दिखाई दें।

सूर्य को जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल जमीन पर न गिरे। यदि जमीन पर जल गिर जाए तो वे बूंदे आंखों पर लगाएं। अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र का पाठ करे। जल अर्पित करने के बाद दाएं हाथ की अँजूरी में जल लेकर अपने चारों ओर छिड़कें। अपने स्थान पर ही तीन बार घूम कर परिक्रमा करें। इसके बाद आसन उठाकर उस स्थान को भी नमन करें।

मान्यता है कि सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से मंगल के दूषित प्रभाव दूर होते हैं और यदि मंगल शुभ हो तब उसकी शुभता में वृद्दि होती है। इसके लिए सूर्य को अर्पित करनेवाले जल में मिश्री मिला सकते हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं उगते सूर्य को सीधे देखने से आँखों की ज्योति बढ़ती है।