
Surya Rashi Parivartan 2023: ग्रहों के राजा सूर्यदेव कल करेंगे राशि परिवर्तन, जानिए किस पर होगा क्या असर !
जयपुर। वैशाख कृष्ण नवमीं पर 14 अप्रेल को दोपहर 2 बजकर 59 मिनट पर ग्रहों के राजा सूर्यदेव मीन राशि को छोड़कर अपनी मित्र राशि मेष में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही मीन मलमास समाप्त हो जाएगा, हालांकि 30 अप्रेल तक गुरु अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर अभी विराम रहेगा। वहीं सूर्यदेव के मेष आने से बुधादित्य येाग भी बनेगा, लेकिन सूर्य राहु से ग्रस्त रहेंगे और शनि की दृष्टि भी पड़ेगी। सूर्य देव 15 मई तक मेष राशि में रहेंगे।
ज्योतिषाचार्य चन्द्रमोहन दाधीच ने बताया कि सूर्य के मेष में प्रवेश से मीन मलमास समाप्त हो जाएगा। वहां पर बुध पहले से ही विद्यमान होंगे, इसलिए बुधादित्य योग बनेगा। लेकिन साथ ही सूर्य राहु से ग्रस्त रहेंगे और शनि की दृष्टि भी पड़ेगी। इसकारण सूर्य अत्यंत निर्मल रहेंगे। ऐसे में सूर्यदेव अपना फल स्पष्ट रूप से देने में असमर्थ रहेंगे। सूर्य आत्मबल, शक्ति स्फूर्ति, क्षमता, पदोन्नति आदि का प्रमुख कारक होता है। सूर्य चंद्रमा से तीसरे, छठे, दसवें व ग्यारहवें स्थान पर शुभ फल प्रदान करते हैं।
दान—पुण्य होगा फलदायक
ज्योतिषाचार्य शालिनी सालेचा ने बताया कि जातक की कुंडली में सूर्य नीचे के स्थान पर है, तो उसे मेष संक्रांति के दिन दान—पुण्य करना चाहिए। मेष संक्रांति पर दान की महत्वता रहती है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाने पीने की चीजों का दान किया जाना चाहिए। गाय को हरी घास खिलाने से पुण्य मिलेगा। इस दिन सूरज से संबंधित चीजों जैसे तांबे का बर्तन, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, लाल चंदन आदि का भी दान करने से फलदायक होगा। शास्त्रों के अनुसार मेष संक्रांति के दिन संक्रांति से 4 घंटे पहले और 4 घंटे बाद तक पुण्यकाल रहता है।
मांगलिक कार्यों पर अभी रोक
मीन मलमास का समापन 14 अप्रेल को होगा, लेकिन 30 अप्रेल तक गुरु अस्त होने से अभी मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। ऐसे में शादी—ब्याह जैसे शुभ काम नहीं हो पाएंगे। हालांकि इस बीच 22 अप्रेल को आखातीज और 29 अप्रेल को जानकी नवमी का स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेगा, जिसमें शुभ और मांगलिक कार्य हो पाएंगे।
Published on:
13 Apr 2023 10:05 am
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