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Swachh Survekshan: अब सफाई भी जयपुर की पहचान, ग्रेटर को 16वीं और हैरिटेज की 20वीं रैंक, पिछली बार थी 173वीं रैंक

Swachh Survekshan 2024: स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के परिणाम गुलाबी नगर के लिए सुखद रहे। गुरुवार को जब परिणाम घोषित हुए तो ग्रेटर निगम को 16वीं और हैरिटेज निगम को 20वां स्थान मिला। दोनों ही निगमों ने लंबी छलांग लगाते हुए देश के टॉप 20 शहरों में जगह बनाई।

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जयपुर

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Arvind Rao

Jul 18, 2025

Swachh Survekshan 2024

Swachh Survekshan 2024 (Photo-X)

Swachh Survekshan 2024: इस बार जयपुर शहर ने सफाई की सूची में धाक जमा दी। दोनों ही निगमों ने धरातल पर काम किया और परिणाम का रुख मोड़ दिया। टॉप 20 में पहुंचकर झंडे गाड़ दिए। पिछले परिणामों से सबक लेते हुए निगम प्रशासन ने अपने प्रयासों के कैनवास को एक्स्ट्रा लार्ज कर लिया। आम शहरी से लेकर स्वच्छता प्रहरियों, निगम प्रशासन ने पहली बार वो किया, जिसका पहले केवल दावे किए जाते थे। रीति-नीति बदली और परिणाम भी बदल डाले।


पिछली बार हैरिटेज निगम 171 और ग्रेटर 173वें स्थान पर था। सफाई के मामले में दोनों ही निगमों का ये अब तक का बेहतर प्रदर्शन है। ग्रेटर निगम को वाटर प्लस और हैरिटेज निगम को ओडीएफ प्लस प्लस का सम्मान भी मिला है। इस सुखद परिणाम के पीछे सतत निगरानी, कचरे को अलग-अलग करने से लेकर आधुनिक ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण करने को प्राथमिकता मिली। साथ ही कचरागाह से कचरे को कम करना शामिल है।


निगम के ये मिले अंक


-ग्रेटर 10793
-हैरिटेज 10630
(12500 अंक में से मिले हैं)


ये रही अब तक की रैंक


वर्ष-हैरिटेज-ग्रेटर
2021-32-36
2022-26-33
2023-171-173


इस तरह मिले अंक-ग्रेटर हैरिटेज


-डोर टू डोर 91, 91
सोर्स सेग्रीगेशन 79, 50
कचरा उत्पादन और निस्तारण 75, 86
डंप साइट का सुधार 92, 90
वहीं, आवासीय कॉलोनी में सफाई, बाजारों में सफाई, वाटर बॉडीज की सफाई और टायलेट की सफाई में दोनों निगमों को 100-100 फीसदी अंक मिले हैं।


दोनों निगमों को मिला फायदा


राजधानी में कचरे से बिजली बनाने के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू किया है। साथ ही सीएनडी वेस्ट प्लांट भी संचालित हो रहा है। इसके अंक मिले तो दोनों शहरी सरकारों को फायदा हुआ।


ये हुए महत्वपूर्ण काम


-पिछले आठ माह में ग्रेटर निगम ने ओपन कचरा डिपो खत्म किए। हैरिटेज निगम ने भी ज्यादातर कचरा डिपो खत्म किए हैं।
-डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को बेहतर करने के साथ-साथ ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी शुरू की।
-दोनों ही निगमों ने नाइट स्वीपिंग के जरिये शहर की प्रमुख सड़कों को साफ किया।
-ग्रेटर निगम ने 50 हजार और हैरिटेज ने 35 हजार से अधिक लोगों से सिटीजन फीडबैक दिया।


इन कदमों का भी मिला लाभ


-ग्रेटर निगम ने अलग-अलग दिनों 60 दिन का विशेष सफाई अभियान चलाया।
-दोनों ही निगमों ने स्वयं सहायता समूहों और एनजीओ के सहयोग से जन-जागरूकता रैलियां निकाली।
-सिंगल यूज प्लास्टिक पर हैरिटेज निगम ने बड़े स्तर पर कार्रवाई करते हुए यूजर चार्ज वसूल किया।
-दोनों ही निगम ने जीरो वेस्ट इवेंट करवाए। वाटर बॉडी की सफाई से लेकर सेग्रीगेशन प्रतियोगिताएं भी करवाईं।
-हैरिटेज निगम ने साप्ताहिक सफाई मित्र सम्मान समारोह आयोजित किए, इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ी।


नजीर बनेगी गुलाबी नगर


ये परिणाम सभी को ऊर्जा देने वाले हैं। आने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी हम पहले ही शुरू कर चुके हैं। हमें इस बार नम्बर एक पर आना है। इसी के साथ पूरी टीम काम करेगी। निगम अधिकारियों-कर्मचारियों और शहरवासियों का सर्वेक्षण में भरपूर सहयोग रहा। इसी वजह से जयपुर ग्रेटर यहां तक पहुंचा।
-सौम्या गुर्जर, महापौर, ग्रेटर निगम


सभी की मेहनत से मिला परिणाम


अब तक का ये बेहतरीन प्रदर्शन है। ये सफलता हमारे शहरवासियों, स्वच्छता प्रहरियों और निगम प्रशासन की मेहनत का नतीजा है। हमें यहीं नहीं रुकना है, अगली बार जयपुर को स्वच्छता में प्रथम बनाना है।
-कुसुम यादव, कार्यवाहक महापौर, हैरिटेज निगम