15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुस्लिम, ईसाई और दूसरे सभी धर्म के लोगों के पूर्वज हिंदू ही थेः शंकराचार्य

गोविन्ददेवजी मंदिर में धर्म सभा में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने कहा है कि देश को सुरक्षा की दृष्टि से तैयार रहना चाहिए। दुनिया के 53 देशों में हिंदू रहते हैं।

2 min read
Google source verification
Swami Nischalananda Saraswati in jaipur

जयपुर। गोविन्ददेवजी मंदिर में धर्म सभा में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने कहा है कि देश को सुरक्षा की दृष्टि से तैयार रहना चाहिए। दुनिया के 53 देशों में हिंदू रहते हैं।अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए तो एक साल में मॉरीशस समेत 15 देश हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाएंगे। मुस्लिम, ईसाई और दूसरे सभी धर्मों के लोगों के पूर्वज भी हिंदू ही थे।

सरस्वती ने श्रीमद्भागवत गीता के गूढ़ रहस्यों के आधार पर मानव जीवन की सार्थकता और सनातन धर्म के बारे में बताते हुए कहा कि वेद शास्त्रों का ज्ञान लेने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हमारे भगवान की विलक्षणता है कि वे जगत बनाते है, जगत बनते भी है, इसलिए साक्षात अवतार लेते हैं। हम भगवान को साकार मानते है, भगवान की उपासना सगुन निराकार के रूप में में करते हैं। आकाश निराकार है, भोजन सगुन साकार है, भूख सगुन निराकार है। नाम की महिमा पर शंकराचार्य ने कहा कि शब्द की असीम शक्ति है। नाम के बल पर भवसागर से तर जाते है। नाम से वस्तु स्थिति का ज्ञान हो जाता है। भगवान के तीन नाम है, अच्युत, अनन्त, गोविंद।

उन्होंने कहा कि 53 देशों में हिन्दू निवास करते है, मॉरीशस आदि देशों में में विचारशील हिन्दू हैं। सब के पूर्वज हिन्दू है, यह बात उन्हें ही याद दिला दी जाए तो स्वयं ही हिन्दू धर्म मे आ जाएंगे। राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शंकराचार्य ने कहा कि लोगों को अपने क्षेत्र की समस्या का समाधान खुद को करना चाहिए। उन्होंने महिलाओं से कहा कि बच्चों में मिट्टी से प्रेम नहीं है, अपने बच्चों को मिट्टी से खेलने दें।

शंकराचार्य ने कहा कि हमारा जीवन वसुधैव कुटुम्बकम की व्याख्या है। हर परिवार एक रुपया भी मंदिरों- मठों के निर्माण में दान करें तो मंदिर सुरक्षित, सुदृढ़ हो जाएं। संत निर्विकल्पानंद ने कहा कि वेद पुराण का निर्वहन कर हम हिन्दू रह सकते हैं।महापुरूषों ने वर्णाश्रम की व्यवस्था की, वैदिक परंपरा का निर्वहन करने की आवश्यकता है। देश श्री विहीन नहीं हुआ, जब तक शंकराचार्य है देश को कोई विचलित नहीं कर सकता है।

सिर्फ चुनावी वादे करते हैं नेता
उन्होंने कहा कि नेता सिर्फ चुनावी वादे करते। चुनाव में कुछ नेता अब ऐसे भी कहेंगे कि आप तो बस मुझे वोट दें और आराम करें। आपके लिए खाना बनाने के लिए भी हमारा आदमी आएगा। ये सिर्फ चुनावी वादे होते हैं, हकीकत में ऐसा संभव नहीं है। हमारे आसपास की सभी समस्याओं को हमें मिलकर ही हल करना होगा। शंकराचार्य ने कहा बाइबिल में से यदि गीता के अंश को निकाल दिया जाए तो बाइबिल ही खत्म हो जाए।