
जयपुर। देश में तेल-गैस के टैंकर चलते-फिरते बम बन रहे हैं। इन टैंकर के परिवहन के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके बावजूद इनकी पालना नहीं होती है। दिशा निर्देश के मुताबिक टैंकर परिवहन के दौरान उसमें मानचित्र होना चाहिए। मानचित्र में टैंकर किस स्थान पर भरा गया और उसे कहां तक जाना है यह भी अंकित होना चाहिए।
परिवहन के दौरान टैंकर किस मार्ग का इस्तेमाल करेगा यह भी तय होता है। इसकी निगरानी जीपीएस सिस्टम से की जाएगी। राजमार्ग पर टैंकर नियत स्थान पर ही खड़ा किया जा सकेगा। खतरनाक व हानिकारक वस्तुओं का परिवहन करने वाले टैंकर चालक की शिक्षा और प्रशिक्षण के संबंध में भी दिशा निर्देश हैं।
यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि टैंकर चालक विश्राम के लिए कहां वाहन को रोक सकेगा। सभी आपातकालीन सेवाओं के नंबर होने चाहिए और किसी भी दुर्घटना पर टैंकर चालक स्थानीय पुलिस के साथ अन्य सभी एजेंसी को सूचित करेगा।
भांकरोटा में हुए अग्निकांड मामले की जांच के लिए अधिकारियों ने गाजियाबाद से क्रैश लैब की गाड़ी को बुलवाया है। क्रैश लैब की गाड़ी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ दोपहर तीन बजे मौके पर पहुंची। टीम ने मौके पर जांच कर हादसे के कारणों को तलाशा।
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि जयपुर-अजमेर हाईवे स्थित डीपीएस कट पर हुए अग्निकांड के बाद पुलिस ने एनएचएआइ को पत्र लिखा है। पत्र में कहा कि शहरी क्षेत्र से निकल रहे सभी हाईवे का विशेषज्ञों से सर्वे करवाया जाए। रोड इंजीनियरिंग की दृष्टि से खुले कट को बंद करवाएं। शहरी क्षेत्र में हाईवे पर बने कट पर मिलने वाली खामियों को सुधारा जाए।
Published on:
25 Dec 2024 09:21 am
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