मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण राज्य सरकारों के राजस्व पर विपरीत असर पड़ा है। केन्द्र सरकार एक बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दे, जिससे राज्यों के हालात सुधरें और उद्योगों को राहत मिल सके। अमेरिका सहित विभिन्न देशों में सरकारों ने आर्थिक पैकेज घोषित किया है। हमने भी केन्द्र से इस पर विचार की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में ज्यादातर औद्योगिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति मिल गई है। इनमें श्रमिकों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। श्रम विभाग ने भी श्रमिक संगठनों से कहा है कि वे श्रमिकों से अपील कर उन्हें रोजगार से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।
गहलोत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को निर्देश दिए कि अन्तरराज्यीय सीमा सील करने के कारण भिवाड़ी के उद्यमियों एवं श्रमिकों को आवागमन में आ रही बाधाओं को दूर करें। बड़ी संख्या में औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। उद्यमी इकाइयों में सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उत्पादन गतिविधियां जारी रखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी श्रमिक के पॉजीटिव पाए जाने पर उद्यमी पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन जीवन की रक्षा को ध्यान में रखते हुए वे एहतियात के साथ कार्य करें।
अब तक 2 लाख श्रमिक उद्योगों से जुड़े
उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि करीब दो लाख श्रमिक राज्य में औद्योगिक गतिविधियों से पुनः जुड़ गए हैं। सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द से सभी औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो ताकि श्रमिकों का पलायन रूके और आर्थिक हालात सुधरें। उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया ने कहा कि उद्योग जगत लॉकडाउन के कारण परेशानियों से गुजर रहा है। राज्य सरकार उन्हें राहत देने के लिए सभी प्रयास कर रही है।
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि उद्यमियों की दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार लगातार उनसे संवाद कर सकारात्मक निर्णय ले रही है। वीसी के दौरान मिले सुझावों पर उचित निर्णय लिए जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने कहा कि प्रतिदिन 10 से 15 हजार श्रमिक पुनः काम पर लौट रहे हैं जो अच्छा संकेत है।