scriptराजस्थान के घरों में सांपों का आतंक | Terror of snakes in the houses of Rajasthan | Patrika News

राजस्थान के घरों में सांपों का आतंक

locationजयपुरPublished: Aug 01, 2022 09:13:04 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

बारिश में सांप बिलों से निकलकर घरों में घुस रहे हैं। राजधानी में रोजाना ऐसे कई मामले आ रहे हैं। इससे आमजन में भय की स्थिति बनी हुई है। इन सांपों को घरों से एनजीओ द्वारा रेस्क्यू कर दोबारा जंगल में छोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश का पानी बिल में घुसने, उमस व तापमान कम होने से सांप बाहर आ रहे हैं। वे आश्रय लेने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में रिहायशी कॉलोनियों, बस्तियों, कार्यालयों में घुस रहे हैं।

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बारिश में सांप बिलों से निकलकर घरों में घुस रहे हैं। राजधानी में रोजाना ऐसे कई मामले आ रहे हैं। इससे आमजन में भय की स्थिति बनी हुई है। इन सांपों को घरों से एनजीओ द्वारा रेस्क्यू कर दोबारा जंगल में छोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश का पानी बिल में घुसने, उमस व तापमान कम होने से सांप बाहर आ रहे हैं। वे आश्रय लेने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में रिहायशी कॉलोनियों, बस्तियों, कार्यालयों में घुस रहे हैं।

एनजीओ के स्नैक कैचर मानसरोवर, मालवीय नगर, जवाहर नगर, राजापार्क, वैशाली नगर, प्रताप नगर समेत कई आवासीय इलाकों में रोजाना 25 से 30 सांप के रेस्क्यू कर रहे हैं। स्नैक कैचर सांपों को बेडरूम, बाथरूम, स्टोर रूम, गार्डन, पाइप लाइन, कूलर आदि से निकाल कर झालाना, गलता व पापड़ के हनुमान जी के जंगल में सुरक्षित छोड़ रही है। ऐसी स्थिति में मानसून में सावधानी बरतने की जरूरत है।

वन विभाग के पास कोई इंतजाम नहीं
सांप को रेस्क्यू करने में वन विभाग की रेस्क्यू टीम फेल साबित हो रही है। उनके पास कोई इंतजाम नहीं है। हर वर्ष विभाग एनजीओ के भरोसे रहता है। जयपुर चिडिय़ाघर के रेस्क्यू रेंजर मोहम्मद राशिद का कहना है कि उनके पास संसाधन नहीं है। कॉल आने पर एनजीओ को सूचना दे देते हैं, वो रेस्क्यू कर लाते हैं।

घबराएं नहीं, तुरंत अस्पताल लेकर जाएं

इस सीजन में सांप के काटने के मामले भी बढ़ जाते हैं। यहां कुछ घरों में ऐसे केस सामने आए, लेकिन समय रहते इलाज मिलने से पीड़ितों की जान बच गई। इस संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि सांप काटने पर झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़े, पीड़ित को तुरंत अस्पताल लेकर जाएं।

सांप को मारना गलत, रेस्क्यू टीम को बताएं
होप एंड बियोण्ड संस्था के जॉय गार्डनर का कहना है कि घर में दिखने पर सांप को मारना गलत है। उसे देखते ही तुरंत एनजीओ या फिर वन विभाग को सूचना दें।

सबसे ज्यादा मिल रहे कोबरा
राजस्थान में सांपों की 38 प्रजातियां पाई जाती है। इनमें कोबरा, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर प्रजातियां सबसे खतरनाक है। इन प्रजातियों के सांप घरों से रेस्क्यू किए जा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा कोबारा ही मिल रहा है। हालांकि कई बार अन्य प्रजातियों के सांप भी मिलते है, जोकि जहरीले नहीं होते।

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