
आने वाला समय सोलर एनर्जी का, सेंसर्स के उपयोग से होगी राहें आसान
जयपुर.अजमेर रोड स्थित जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी में सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स एवं इनोवेशन विषय पर आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस शुरू हुई। इसमें पहले दिन विभिन्न सत्रों के दौरान सोलर एनर्जी, नॉन रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज, हेल्थ सेक्टर, एग्रीकल्चर, सेंसर तकनीक, एन्वायरमेंट, ग्लोबलाइजेशन, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, बिजनेस, ट्रांस डिसीप्लीनरी अप्रोच जैसे विषयों पर एक्सपट्र्स ने सस्टेनेबल डवलमेंट को लेकर विभिन्न सत्रो में चर्चा की। यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो आरएल रायना एवं आरएनडी डीन डॉ ज्योतिप्रकाश सीआर नायडु ने अतिथियों का स्वागत किया कांफ्रेंस के विभिन्न सत्रो की जानकारी दी। कार्यक्र म की शुरूआत न्यूयॉर्क के यूनाइटेड नेशन्स एकेडमिक इम्पेक्ट के विख्यात प्रोफेसर सूजी थॉमस की।
कोयले एवं तेल का उपयोग घटा
जी साइंटिस्ट एवं आरडीआई हैड डॉ एसके देशपांडे ने अपने सत्र में बताया कि कोयले एवं तेल का उपयोग पहले 85 प्रतिवर्ष होता था जो कि घटकर अब 65 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी का उपयोग अब अधिक हो रहा हैै एवं आने वाला समय भी सोलर एनर्जी का ही है। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी का भंडार है बस इसके बेहतर उपयोग की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने सेंसर्स के उपयोग से हेल्थ सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की बात कही।
अब कोल्ड स्टोरेज किसानों की पकड में
सोलर तकनीक से चलने वाले कोल्ड स्टोरेज बनाने में प्रारंभिक स्तर पर बेहतर सफलता प्राप्त हुई है एवं देश में जल्द ही सरकार इसे सब्सिडी रेट्स पर किसानों के लिए उपलब्ध करवाएगी। इससे हॉर्टिकल्चर प्रोडक्ट्स के खराब होने की प्रायिकता काफी घटेगी एवं किसानों के लिए लाभ की स्थितियां बेहतर बनेगी।
चायना से ़घटानी होगी निर्भरता
जेकेएलयू निदशक डॉ संजय गोयल ने कहा कि देश में अब आवश्यकता है स्वयं के सोलर पैनल तैयार करने की। वर्तमान में चायना पर ही पूरी तरह से निर्भरता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि देश में अब ऐसे स्टार्टअप्स की आश्यकता है जिससे देश में ही ये तैयार हो।
Published on:
08 Feb 2020 04:27 pm
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