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जीपीएस का जमाना… डिवाइस ऐसी कि मोबाइल में लोकेशन मिलती, ट्रैक पर रहती नजर…फिर काहे का डर

निजी कार में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाने का ट्रेंड शहर में तेजी से बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि शहर के आठ लाख निजी चार पहिया वाहनों में से करीब पांच लाख वाहनों में जीपीएस लगाया जा चुका है। इससे न सिर्फ गाड़ी चोरी होने पर लोकेशन की जानकारी मिलती है, बल्कि परिजन […]

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जयपुर

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Amit Pareek

Oct 25, 2024

jaipur

फाइल फोटो

निजी कार में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाने का ट्रेंड शहर में तेजी से बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि शहर के आठ लाख निजी चार पहिया वाहनों में से करीब पांच लाख वाहनों में जीपीएस लगाया जा चुका है। इससे न सिर्फ गाड़ी चोरी होने पर लोकेशन की जानकारी मिलती है, बल्कि परिजन भी गाड़ी का ध्यान रखते हैं। कई बार तो गाड़ी नियमित रूट से उतरकर गलत दिशा में घूमती है तो मां-पत्नी का फोन तक आ जाता है। कई बच्चे भी अपने पापा की गाड़ी पर नजर रखते हैं। जैसे ही पापा घर आते हैं तो बच्चे सवाल करते हैं कि उस जगह गाड़ी क्यों रोकी थी?

दरअसल, पहले उन्हीं गाडि़यों में जीपीएस लगाते थे, जो टैक्सी थीं या फिर किराए पर चलती थीं। अब भागदौड़ भरी जिंदगी में गाड़ी में जीपीएस होने से सुरक्षित महसूस करते हैं। यही वजह है कि राजधानी में बड़ी संख्या में गाडि़यों में जीपीएस लगा है। बच्चों से लेकर बड़े अपने मोबाइल में गाड़ी की लोकेशन ट्रैक करते रहते हैं।

खास-खास

-3000 रुपए में जीपीएस लग जाता कार में

-1500 से 2000 रुपए सालाना रिचार्ज के लगते

-50 से अधिक सर्विस प्रोवाइडर हैं राजधानी जयपुर में

-पांच लाख से अधिक निजी गाडि़यों में लोग अब तक लगवा चुके जीपीएस

यों आया जीपीएस में बदलाव

-कुछ वर्ष पहले की बात करें तो राजधानी में चलने वाले व्यावासायिक वाहनों में ही जीपीएस का उपयोग किया जाता था। इसमें लोडर वाहन से लेकर किराए पर चलने वाली टैक्सी भी शामिल थीं।

- स्कूली बसों और वैन में भी अब जीपीएस की सुविधा मिल रही है। इससे बच्चा स्कूल से कब निकला और कितने समय में घर तक आ जाएगा यह जानकारी अलर्ट मैसेज से मिल जाती है।

- सेल्फ ड्राइविंग मोड पर कार और दो पहिया वाहन किराए पर देने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। इन गाडि़यों में भी एक से अधिक जीपीएस डिवाइस लगाए जाते हैं।

ये होता फायदा

-मोबाइल से गाड़ी के इंजन को स्टॉप किया जा सकता है।

-ऐप से पार्किंग मोड ऑन करने पर गाड़ी को कोई हटाने का प्रयास करेगा तो मोबाइल पर सायरन बज जाता है।

-गाड़ी बच्चे लेकर जाते हैं तो स्पीड से लेकर अन्य रूट मोबाइल पर ट्रैक होता रहता है।

सर्विस प्रोवाइडर बोले

जीपीएस के साथ-साथ अब फ्यूल सेंसर भी व्यावसायिक वाहनों में लगवाए जा रहे हैं। इससे घर बैठे पता लग जाता है कि गाड़ी में कितना ईंधन भरवाया गया है। निजी गाडि़यों में जीपीएस डिवाइस लगवाने का ट्रेंड बढ़ रहा है।

-राहुल गहलोत

जिस तरह का माहौल है इसको ध्यान में रखते हुए जीपीएस डिवाइस लोग निजी गाडि़यों में लगवा रहे हैं। इससे परिजन एक-दूसरे की गाडिय़ों की लाइव लोकेशन देखते रहते हैं और जैसे ही गाड़ी ट्रैक से उतरती है तो फोन करके पूछ भी लेते हैं।

-सवाई सिंह राठौड़