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जयपुर

Good bye meter gauge :  सीकर से फतेहपुर के बीच 1943 में चली थी पहली ट्रेन…जानें रोचक इतिहास

सीकर से चूरू की मीटर गेज ट्रेन शनिवार को बंद हो गई। शाम 5 बजकर 55 मिनट
पर सीकर से चूरू रवाना हुई ट्रेन 52087 इस रूट की अंतिम मीटर गेज ट्रेन
रही। सबकुछ ठीक रहा, तो सालभर के भीतर अब इसी रूट पर ब्रोडगेज ट्रेन दौडऩे
लगेगी।

जयपुरNov 15, 2015 / 11:03 am

vishwanath saini

सीकर से चूरू की मीटर गेज ट्रेन शनिवार को बंद हो गई। शाम 5 बजकर 55 मिनट पर सीकर से चूरू रवाना हुई ट्रेन 52087 इस रूट की अंतिम मीटर गेज ट्रेन रही। सबकुछ ठीक रहा, तो सालभर के भीतर अब इसी रूट पर ब्रोडगेज ट्रेन दौडऩे लगेगी। जयपुर रेलवे सीपीआरओ तरुण जैन ने बताया कि जयपुर से चूरू आमान परिवर्तन के पहले चरण के काम के तहत सीकर चूरू मीटर गेज ट्रेन बंद की गई है। आमान परिवर्तन के बाद दूसरे चरण में सीकर से जयपुर ब्रोडगेज का काम शुरू होगा।

अब नए समय पर चलेगी सीकर -जयपुर ट्रेन

रेलवे ने सीकर से जयपुर ट्रेन का समय भी बदल दिया है। सीकर से जयपुर के लिए दिन मेें अब सात ट्रेन रोजाना जाएगी। जिसमें पहली ट्रेन सुबह 4.55 पर रवाना होगी। उसके बाद सुबह 6.05, 7.40,10.30, दोपहर 2.10, शाम 5.05 व रात 8.05 पर ट्रेन रवाना होगी। इसी तरह जयपुर से सीकर पहुंचने वाली ट्रेन सुबह 4.00 से शुरू होकर सुबह 6.25 व 10.00 बजे, दोपहर 1.30, शाम 4.00, 6.45 व रात 9.21 पर जयपुर से रवाना होगी।

churu-sikar broad gauge
आजादी से पहले चली थी लकड़ी के डिब्बों वाली ट्रेन

सीकर से चूरू मीटर गेज ट्रेन का इतिहास भी काफी रोचक रहा है। इतिहासकार महावीर पुरोहित बताते हैं कि इस रूट पर पहली रेल आजादी से पहले 1943 में सीकर से फतेहपुर तक ही चली थी। कोयले से चलने वाली ट्रेन पर जयपुर स्टेट रेलवे का बोर्ड लगा होता था। भयंकर धुंआ छोडऩे वाली ट्रेन में डिब्बे भी लकड़ी के बने हुए थे। 14 साल बाद 1957 में रेलवे लाइन को फतेहपुर से चूरू तक बढ़ाया गया, लेकिन सीकर से फतेहपुर के मुकाबले किराया दो गुना होने के चलते फतेहपुर व रामगढ़ के लोगों ने आंदोलन की राह पकड़ ली। आलम ये था कि एक बार तो आंदोलन के चलते लक्ष्मणगढ़ से उल्टी ट्रेन तत्कालीन कलक्टर जोसफ को वापस लौटानी पड़ी। आखिरकार सरकार को 1967 में किराया आधा करना पड़ा।

अलविदा मीटर गेज
200
किलोमीटर का ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट
2017
तक होगा पूरा
90
किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइन बिछेगी सीकर से चूरू के बीच प्रथम चरण में
150

करोड़ रुपए का बजट जारी, दो हिस्सों का साथ होगा काम

सीकर से चूरू ब्रॉडगेज लाइन का काम रेलवे जल्द करना चाह रहा है। इसके लिए 90 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइन को सीकर से फतेहपुर तथा फतेहपुर से चूरू दो हिस्सों में बांटकर दोनों के अलग- अलग ठेके दिए गए हैं। रेलवे अधिकारियों की मानें, तो सालभर के भीतर इस रूट पर ब्रोडगेज ट्रेन दौडऩे लगेगी।

लक्ष्मणगढ़. सीकर चूरु आमान परिवर्तन से पहले सालासर दिल्ली मार्ग स्थित रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज की मांग तेज हो गई है। कस्बेवासियों का कहना है कि पानी भराव की समस्या व यातायात के लिहाज से रेलवे को अंडर पास की जगह ओवर ब्रिज का निर्माण करना चाहिए। मामले में विधायक गोविंदसिंह डोटासरा ने भी प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को पत्र लिखने की बात कही है। उधर, पूर्व नगरपालिकाध्यक्ष दिनेश जोशी ने बताया कि उनके बोर्ड ने ओवरब्रिज बनवाने का प्रस्ताव रेलवे को भिजवाया था। लेकिन, यदि रेलवे प्रशासन अब उस पर गौर नहीं करता है, तो आंदोलन किया जाएगा।

सीकर-झुंझुनूं ट्रेक पर ब्रॉडगेज ट्रेन शुरू होने की तस्वीर
sikar loharu broad gauge train start
यह होगा नुकसान

1. 1500 यात्रियों की बढ़ेगी परेशानी:
सीकर से चूरु रोजाना करीब 1500 यात्री सफर कर रहे हैं। ऐसे में ट्रेन बंद होने से इन समस्या बढ़ जाएगी।
2. जयपुर के लिए दो ट्रेन होंगी कम
सीकर चूरु रेल बंद होने से अब सीकर से जयपुर के लिए यात्रियों को दो ट्रेन कम मिलेगी। रात 7.45 पर जयपुर से रवाना होकर 10.15 पर पहुंचने वाली टे्रन 2093 तथा सीकर से शाम 4.25 से रवाना होकर 6.15 बजे जयपुर पहुंचने वाली ट्रेन 02094 शनिवार से बंद कर दी गई है।
3. 70 फीसदी ज्यादा किराया
रेल के 25 रुपए किराये के मुकाबले रोडवेज का किराया 81 रुपए है। ऐसे में चूरू के सफर के लिए लोगों को अब करीब 70 फीसदी किराया ज्यादा अदा करना होगा।

यह होगा फायदा

1. जम्मू, पंजाब व हरियाणा व कोलकाता से जुड़ेगा सीकर:-सीकर- चूरु ब्रॉडगेज ट्रेन शुरू होने के बाद सीकर जम्मू व कोलकात्ता सरीखे दूरदराज के महानगरों के अलावा पंजाब, हरियाणा व दिल्ली से सीधे जुड़ सकेगा। क्योंकि चूरू से आगे का आमान परिवर्तन पहले से हो चुका है।
2. व्यापार से खुलेंगे तरक्की के रास्ते :-महानगरों से संपर्क बढऩे से तरक्की के रास्ते भी खुलेंगे। क्योंकि ब्रॉडगेज लाइन से व्यापार आसान हो जाएगा।
3. आधे समय में होगी पहुंच:- ब्रॉडगेज से समय की भी काफी बचत होगी। सीकर से चूरू का अब जो सफर दो से ढाई घंटे का है, वह कम होकर एक से सवा घंटे रह जाएगा।

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