
जयपुर। राजस्थान में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने के लिए सरकार ने बड़ी पहल शुरू की है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि राज्य का कोई भी बच्चा, खासकर बच्चियां, अब फर्श पर बैठकर पढ़ाई नहीं करेंगी। सरकार ने इस विजन को साकार करने के लिए प्रवासी राजस्थानी समुदाय और भामाशाहों से सहयोग की अपील की है। दो करोड़ रुपए का निवेश करने पर स्कूल को दानदाता के नाम पर रखने की योजना बनाई गई है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि राजस्थान में किसी भी बच्ची को फर्श पर बैठकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार राज्य के स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए प्रयासरत है। दिलावर कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी परिषद द्वारा आयोजित "एक कदम शिक्षा की ओर" कार्यक्रम में बोल रहे थे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में 19 हजार प्राथमिक, 16 हजार माध्यमिक और 26 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भामाशाहों और प्रवासी राजस्थानी समुदाय का सहयोग मांगा गया है। उन्होंने कहा, "गत वर्ष 138 भामाशाहों ने 1,000 करोड़ से अधिक का निवेश कर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया है। हमारी योजना है कि जो दानदाता दो करोड़ से अधिक का सहयोग करेगा, उसके नाम पर स्कूल का नाम रखा जाएगा।"
शिक्षा मंत्री ने बताया कि दानदाता स्कूलों में आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लासरूम, सोलर पैनल, खेल सुविधाएं, कक्षा निर्माण और भवन निर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल राजस्थान के बच्चों को बेहतर भविष्य देने में मील का पत्थर साबित होगी।
शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान प्रवासी राजस्थानी समुदाय से राजस्थान के बच्चों की शिक्षा में सहयोग देकर अपने प्रदेश की प्रगति में भागीदार बनने की अपील की।
Published on:
20 Nov 2024 03:08 pm
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